रायपुर। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र की कार्रवाई की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि बजट सत्र 8 फरवरी से 8 मार्च तक चलेगा। पहले दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बजट पेश करेंगे। बजट अनुदान मांग पर चर्चा 13 फरवरी से शुरू होगी।
विनियोग विधेयक 6 मार्च को पेश होगा और 7 मार्च को इस पर चर्चा के बाद पारित किया जाएगा। पहली बार चुनकर आए 39 नए विधायकों का प्रबोधन भी सत्र के बीच ही होगा। प्रबोधन सत्र की शुरुआत मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद छत्रपति और समापन मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह करेंगे।
डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का अपना चैनल जल्द शुरू हो और विधानसभा की कार्रवाई का लोकसभा और राज्यसभा की तरह सीधा प्रसारण यह मेरी इच्छा है। लेकिन लाइव प्रसारण को लेकर वित्तीय भार सहन करने की फिलहाल क्षमता नहीं है।
आने वाले दिनों में इसे शुरू किए जाने को लेकर बातचीत जारी रहेगी। उन्होंने बताया कि आरटीआई के लिए 500 रुपए का शुल्क लिया जाता था, जिसे कोर्ट के आदेश के बाद 50 रुपये कर दिया गया है। मेरी कोशिश होगी कि जिस तरह से सरकारी विभागों में 10 रुपये आवेदन शुल्क लिया जाता रहा है वैसे ही व्यवस्था विधानसभा में बनाया जा सके।
डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि 9 फरवरी को पहले दिन कार्यक्रम की शुरुआत ग्रामीण विकास में विधायकों की भूमिका पर बातचीत से होगी। एकता परिषद के संस्थापक राजगोपाल पीव्ही इस पर नए विधायकों को संबोधित करेंगे। दूसरे सत्र में विधायकों से आम जन की अपेक्षा विषय पर चर्चा होगी।
उत्तराखण्ड के विधायक मनोज रावत इस संबंध में जानकारी देंगे। तीसरे सत्र में उत्तराखण्ड विधानसभा सचिव जगदीश चंद्र विशेषाधिकार और उन्मुक्तियां, सदस्यों का सभा के अंदर एवं सभा के बाहर आचरण तथा शिष्टाचार विषय पर जानकारी देंगे।
चौथे सत्र में ध्यानाकर्षण, सूचना, स्थगन प्रस्ताव एवं लोकमहत्व के विषय पर चर्चा की जाएगी। दूसरे दिन 10 फरवरी को पहले सत्र में अपर मुख्य सचिव अमिताभ जैन विधायकों को संबोधित करेंगे। दूसरे सत्र में विधायी कार्य, विधेयकों के पारण की प्रकिया, चर्चा अध्यादेश आदि विषय पर संसदीय कार्यमंत्री रविन्द्र चौबे अपनी बात रखेंगे।
तीसरे सत्र में विधायक अजय चंद्राकर विधानसभा की समितियां एवं अशासकीय कार्य पर जानकारी देंगे। चौथे और समापन सत्र में प्रभावी विधायक कैसे बने इस विषय पर पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपना उद्बोधन देंगे।
उन्होंने बताया कि इस सत्र में कुल 1826 प्रश्न पूछे जाएंगे, जिसमें तारांकित प्रश्नों की कुल संख्या 1003 और अतारांकित प्रश्नों की कुल संख्या 823 होगी। इसके अलावा 66 ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाए जाएंगे। सत्र के दौरान 32 स्थगन प्रस्ताव लाए जाएंगे।
11 एवं 12 फरवरी को वित्तीय वर्ष 2019-20 के आय-व्यय पर सामान्य चर्चाएं होगी। 13 फरवरी से 4 मार्च तक विभागवार अनुदान पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही 6 मार्च 2019 को विनियोग विधेयक का पुर:स्थापन होगा. 7 मार्च का दिन विनियोग विधेयक पर विचार, चर्चा एवं पारण के लिए निर्धारित है।
यह भी देखें :
अब अमन सिंह के खिलाफ जांच के लिए गठित होगी SIT…राज्य शासन ने दिया आदेश…
Add Comment