रायपुर। राज्य शासन ने छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के प्रमुख सचिव रहे अमन सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। अब अमन सिंह की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाएगा।
सामान्य प्रशासन विभाग की सचिव रीता शांडिल्य ने मंगलवार को इओडब्ल्यू के महानिदेशक को पीएमओ से प्राप्त शिकायत का हवाला देते हुए अमन सिंह के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। राज्य शासन द्वारा जारी आदेश में आर्थिक अपराध शाखा से कहा गया है कि 16 जनवरी को प्रधानमंत्री कार्यालय से एक पत्र प्राप्त हुआ था, जो विजया मिश्रा नाम की एक शिकायतकर्ता के पत्र से सम्बंधित है।
इस पत्र में विजया मिश्रा ने अमन सिंह के खिलाफ आरोप लगाए हैं। राज्य शासन की ओर से इओडब्ल्यू को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि पीएमओ में हुई शिकायतों के संबंध में अब तक कोई जांच नहीं कराई गई थी, इसलिए राज्य शासन ने यह निर्णय लिया है कि शिकायत की जांच एसआइटी गठित कर राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा से कराई जाए।
बता दें कि दिल्ली के द्वारका की रहने वाली विजया मिश्रा ने पिछले माह पीएमओ में इमेल के जरिए अमन सिंह के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में भाजपा विधायक ननकीराम कंवर के उन पत्रों का भी संदर्भ दिया था, जिसमें पीएम और वित्तमंत्री से भ्रष्टाचार से जुड़े आरोपों के तहत अमन सिंह के खिलाफ जांच की मांग की गई थी।
पीएमओ से की गई अपनी शिकायत में विजया मिश्रा ने दावा किया है कि आइआरएस से वीआरएस लेने के बाद अमन कुमार सिंह ने छत्तीसगढ़ में अपनी संविदा नियुक्ति के दौरान यह तथ्य छिपाया था कि उनके खिलाफ किसी भी तरह की जांच पेंडिंग नहीं है, जबकि छत्तीसगढ़ में डेपुटेशन से पहले 2001-2002 में कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज डिपार्टमेंट में बेंगलूरु में डिप्टी कमिश्नर रहते हुए उनके खिलाफ भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में जांच की गई थी।
भ्रष्टाचार की शिकायत के बाद उन्हें सीबीआइ जांच से गुजरना पड़ा था। शिकायत में यह भी लिखा गया है कि कस्टम एंड सेंट्रल एक्साइज के डीजी विजिलेंस ने अमन कुमार सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों के तहत चार्जशीट जारी किया था।
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