चिटफंड कंपनियों के खिलाफ हाई कोर्ट में सुनवाई…सांई प्रसाद, सांई प्रकाश, ADB एवं NPCL समेत 9 के खिलाफ होगा केस दर्ज…

बिलासपुर। चिटफंड अभिकर्ताओं की याचिका पर बुधवार को हाईकोर्ट की एकल पीठ ने सुनवाई की। कोर्ट ने 9 चिटफंड कंपनियों के निदेशकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देेश दिए है। इनमें सांई प्रसाद, सांई प्रकाश, एडीबी, एनपीसीएल आदि हैं।
याचिकाकर्ता जीवन लाल, संतोष कुमार, सुंदर लाल, नेतराम समेत करीब 18 हजार अभिकर्ताओं ने हाईकोर्ट में शपथ पत्र देकर प्रदेश की चिटफंड कंपनियों के संचालकों के खिलाफ करोड़ों रुपए का गबन करने का आरोप लगाते हुए मामले की जांच किए जाने की मांग की है।
याचिका में कहा गया है कि लोगों ने पोस्ट आफिस और बैंकों में जमा किए अपने सुरक्षित निवेश को तोड़कर इन कंपनियों में रुपए लगाए। प्रदेश के करीब 20 लाख से अधिक लोगों ने अपने खून-पसीने की गाढ़ी कमाई इन कंपनियों में लगा दी। बाद में इन कंपनियों ने अपना रंग दिखाया और 50 हजार करोड़ से अधिक की राशि लेकर चंपत हो गए।
याचिका में यह भी कहा गया कि चिटफंड कंपनी ने न सिर्फ निवेशकों बल्कि एजेंटों को भी धोखा दिया और उनके लाखों रुपए हड़प लिए। इधर पुलिस कंपनियों के निदेशकों, संचालकों, राजनेताओं और अधिकारियों को छोड़ एजेंटों को परेशान कर रही है। कई एजेंटों ने तो परेशान होकर आत्महत्या भी कर लिया। याचिका में दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए डूबे रुपए वापस दिलाए जाने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता देवर्षि ठाकुर के माध्यम से दायर याचिका में आरोप लगाया गया है कि चिटफंड कंपनियों को प्रमोट करने के लिए तत्कालीन भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की पत्नी वीणा सिंह, दामाद डॉ. पुनीत गुप्ता, गृह मंत्री रामसेवक पैकरा समेत मंत्रिमंडल में शामिल सभी मंत्रियों एवं प्रशासनिक सेवा के कई आला अधिकारियों ने कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों को इन कंपनियों में निवेश करने के लिए प्रेरित किया।
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