रायपुर। बजट सत्र के पूर्व मंत्रालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में कैबिनेट ने कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई जिसमें जिला सहकारी बैंक का अपेक्स बैंक में विलय नहीं होगा, चिटफंड कंपनियों के एजेंटों पर दर्ज मामले वापिस लेने के साथ निवेशकों को रुपये लौटाएंगे आदि फैसले पर मुहर लगा दी।
बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री रविन्द्र चौबे पत्रकारों से मुखातिब होते हुए बताया कि बैठक में निर्णय लिया गया कि चिटफंड कंपनियों के झांसे में आकर अपनी जमापूंजी गंवा चुके लोगों की रकम वापस दिलाने के लिए नीति बनाई जाएगी, इसके लिए एक विशेष कोर्ट भी बनाया जाएगा। वहीं चिटफंड कंपनियों के लिए एजेंट का काम करने वाले लोगों पर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगेे।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में 286 एजेंटों पर मामला दर्ज किए गए हैं। चिटफंड कंपनियों की अनियमितता पर लगभग 424 प्रकरण दर्ज हैं और अब तक 11 अरब 5 करोड़ 513 लाख की राशि जमा हो चुकी है, जिसे राज्य भर के करीब 2 लाख 70 हजार लोगों ने जमा कराया है।
छत्तीसगढ़ में 199 ज्ञात चिटफंड कंपनियों है। इसकी रिकव्हरी की पूरी समीक्षा 2 पार्ट मकें किया गया है। इन सभी के खिलाफ मामलो की वापसी करने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा एक विशेष कोर्ट बनाकर निवेशकों को पैसा वापस दिलाने का कार्य किया जाएगा।
श्री चौबे ने बताया कि बैठक में यह भी स्पष्ट हो गया है कि राज्य में अब तक कितना धान खरीदा जा चुका है। वर्तमान में 86 लाख मैट्रिक धान की खरीदी हो चुकी है, इन धानों के उपार्जन हेतु केन्द्र से अब तक सहमति नहीं हुई, लिहाजा राज्य सरकार इस धान का कैसे उपयोग करें।
बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई है। इसके अलावा रमन सरकार के उस फैसले को भी बदल दिया गया है जिसमें डिस्ट्रिक्ट कॉऑपरेटिव बैंक का अपेक्स बैंक में विलय का निर्णय लिया गया था। मंत्रिमंडल की बैठक में इस निर्णय को बदल दिया गया है।
बांकी ऋण मांफी के सवार श्री चौबे ने कहा कि हम लोगों ने घोषणा पत्र में सिर्फ कर्ज मांफी को ही 10 दिनों के अंदर मांफ करने की घोषणा की थी। दूसरी पार्टी ने तो 15 साल में घोषणा पूरी नहीं की। लेकिन हम लोग करेंगे। बांकी घोषणा पर धीरे-धीरे निर्णय लिया जाएगा।
यह भी देखें :
Add Comment