रायपुर। बजट सत्र के पूर्व मंत्रालय में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इस बैठक में कैबिनेट ने कई अहम प्रस्तावों पर मुहर लगाई जिसमें जिला सहकारी बैंक का अपेक्स बैंक में विलय नहीं होगा, चिटफंड कंपनियों के एजेंटों पर दर्ज मामले वापिस लेने के साथ निवेशकों को रुपये लौटाएंगे आदि फैसले पर मुहर लगा दी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि चिटफंड कंपनियों के मामले में दर्ज एजेंटों के खिलाफ मामले वापस लिए जाएंगे। प्रदेश में चिटफंड के 424 मामले दर्ज हैं। जिसमें 270216 निवेशक और एजेंट पर मामला दर्ज है।
साथ ही निवेशकों के पैसे कैसे लौटाए जाए इस पर सरकार नीति बना रही है। छत्तीसगढ़ में 199 ज्ञात चिटफंड कंपनियां हैं। सरकार ने इसकी रिकवरी की पूरी समीक्षा 2 पार्ट में किए हैं। इसके अलावा स्पेशल कोर्ट बनाकर निवेशकों को पैसा वापिस देने का कार्य किया जाएगा।
भूपेश कैबिनेट में एक और महत्वपूर्ण फैसला लिया गया कि जिला सहकारी बैंक का अपेक्स में विलय नहीं होगा। ज्ञात हो कि भाजपा की रमन सरकार ने इन बैंकों को अपेक्स बैंक में विलय करने का फैसला किया था। आज इस फैसले को बदल दिया गया। भू-अधिग्रहण के तहत टाटा की जमीन किसानों को वापिस लौटाने की प्रक्रिया पर भी विचार किया गया।
बैठक में नरवा-गरवा, घुरवा-बारी का विस्तार करने का भी निर्णय लिया है। जिसमें पहले चरण में 9960 गांवों में काम किया जाएगा। 17500 गांवों में चलेगा काम। बैठक में बताया गया कि अब तक 86 लाख मैट्रिक टन की खरीदी हुई है। इन धानों के उपार्जन हेतु केंद्र से अब तक सहमति नहीं हुई तो इस पर कैसे काम करेंगे इस पर भी चर्चा हुई।
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