धमतरी। वैसे तो एक बेटे ने अपनी मां की सेवा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जब मां बीमार और अहसाय हो तो एक बेटे ने अपना फर्ज निभाते हुए मां की सेवा जतन करने में कोई कमी नहीं छोड़ी और उम्र के पड़ाव में मां अपने बेटे का साथ छोड़ भगवान के घर चली गई, लेकिन बेटा इस सदमे से नहीं उबर पाया और अपने मां के कमरे में ही बेटे ने फांसी लगा कर खुदकुशी कर ली। ये पूरा मामला धमतरी जिले का है। मां और बेटे की मौत के बाद गांव में मातम छा गया है। रूद्री पुलिस मामले की जांच मे जुट गई है।
छत्तीसगढ के धमतरी जिले के एक छोटे से गांव भटगांव में आज सुबह से मातम पसरा हुआ है। यहां मां-बेटे की लाश से इलाके में सनसनी फैला है। मां की मौत ने बेटे को गहरा सदमा दिया है और वह इस सदमे से उबर नही पाया और बेटे ने मां के कमरे में ही फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली।
दरअसल पूरा मामला देर रात की है। जहा शेषनारायण अपनी मां दयापति के साथ एक छोटे से मकान में रहकर जीवन यापन कर रहे थे लेकिन उनकी मां उम्र के पढाव के चलते बीमार रहती थी और बिस्तर पर ही उसकी जिंदगी गुजरती थी।
जिसके कारण घर का काम वह नहीं कर पाती थी। सारा काम उसका बेटा शेषनाराण ही करता था। मां की देखभाल से दवाई-पानी इलाज तक सारा काम उनके बेटे के कंधों पर ही था। बेटे ने अपनी मां की सेवा करने मे कोई कसर नहीं छोडी मां और बेटे इस प्रेम को देखकर गांव के लोग भी इनके गुणगान करने से पीछे हटते।
वहीं मंगलवार की वो काली रात जो इन मां बेटे के अनोखे प्रेम को ग्रहण लग गई जहां शेषनाराण की मां ने अपने घर के बिस्तर पर ही दम तोड़ दी तो बेटा इस सदमे को बर्दास्त नहीं कर सका और फांसी के फंदे पर झूल गया ग्राववालों के मुताबिक मृतक शेषनाराण 22 वर्ष का था जो मजदूरी का काम करता था।
शादी उसकी नहीं हुई थी, लेकिन शादी का भी सपना सजौए रखा था। इसी के चलते आवास योजना का लाभ भी लिया है लेकिन उनकी आवास पूरी तरह से कम्पलीट नहीं हुआ था और ऐसे उसने मौत को गले लगा लिया।
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