जगदलपुर। आत्मसमर्पित नक्सलियों को गोपनीय सैनिक बनाने व नौकरी से निकाल दिए जाने के मामले में पीडि़तों ने डीजीपी को आवेदन पत्र देकर नौकरी बहाल करने की गुहार लगाई है। उन्होंने जीवन यापन करने के लिए विभाग में सेवाएं देने की बात कही है।
ज्ञात हो कि दंतेवाड़ा के कटेकल्याण क्षेत्र निवासी पांच लाख की इनामी नक्सली फगनी उर्फ शबनम समेत कुमाकोलेंग व नरेश, कवल सिंह समेत अन्य मिलिशिया सदस्यों ने वर्ष 2014 में सरेंडर किया था। उन्हें कुछ माह बाद ही विभाग में गोपनीय सैनिक के रूप में नियुक्ति दी गई थी। इसके बाद से वे विभाग को अपनी सेवाएं दे रहे थे।
शबनम से सूचनाओं का संकलन एवं अन्य विभागीय कार्य करवाया जाता था। वहीं पुरूष समर्पित नक्सलियों को डीआरजी की टुकडिय़ों के साथ गश्त पर भी भेजा जाता था। इसके बाद अचानक बिना कारण बताए उन्हें मौखिक आदेश से ही नौकरी से निकाल दिया गया।
गांव लौटने पर नक्सलियों द्वारा हत्या की आशंका से भयभीत पूर्व गोपनीय सैनिक किसी तरह मजदूरी कर शहर में रह रहे हैं। समर्पित नक्सलियों द्वारा डीजीपी पुलिस मुख्यालय को डाक से प्रेषित आवेदन में उनकी जान की सुरक्षा के लिए उन्हें नौकरी पर वापस रखने की गुहार लगाई है।





