रायपुर। कांग्रेस की सरकार ने जीत हासिल करते ही किसानोंं को किए गए वादों को सबसे पहले पूरा किया। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य के मामले में सरकार चिंतित नहीं दिखाई दे रही हैं। चिकित्सकों ने एकजुटता दिखाते हुए स्मार्ट कार्ड से इलाज बंद कर दिया हैं। वहीं मरीजों को दर-दर भटकना पड़ रहा हैं। ऐसे में आम-जनता करें तो क्या करें।
देखा जाए तो स्वास्थ्य विभाग ऐसा विभाग है जहां गंभीर बीमारी से पीडि़त मरीजों के इलाज के कई महत्वपूर्ण योजना है। जिसमें स्मार्ट कार्ड के अलावा संजीवनी सहायता कोष, बाल हृदय योजना आदि लेकिन संजीवनी में भी अब लोगों को कठनाईयों का सामना करना पड़ रहा हैं।
अगर नियमों को शिथिल करवाना हो तो पहले मुख्यमंत्री के समक्ष जाना होता था जो विभागीय प्रक्रिया होती थी। इसका लाभ संबंधित मरीजों को मिल जाता था। लेकिन कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री भूपेश बघेळ द्वारा शिथिल लिखने पर भी मरीजों को नियमों का हवाला दिया जा रहा हैं। जबकि यह प्रक्रिया पूर्व के भांति ऑनलाईन नियमों के तहत किया जाता हैं। अगर मरीज द्वारा जमा किए गए संजीवनी फार्म में संबंधित अफसर का हस्ताक्षर अगर छूट जाता है तो उसे प्रक्रिया के तहत विभाग पूरा करवा सकता हैं लेकिन कांग्रेस की सरकार में लोगों को चक्कर लगाना पड़ रहा हैं। इससे यह साफ साबित होता है कि एक ओर मुख्यमंत्री बघेल प्रशासनिक कसावट लाना चाहते है वहीं स्वास्थ्य विभाग के अफसर इससे विपरीत चल रहे हैं।
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