रायपुर। छत्तीसगढ़ में बहुत जल्द जिलों की संख्या बढ़ सकती है। अभी छत्तीसगढ़ में 27 जिले हैं, जिसे बढ़ाकर 31 किया जा सकता है। नए जिलों के निर्माण की चर्चाएं इन दिनों जोरों से चल रही है। वहीं दो नए संभागों का भी प्रस्ताव है। बताया जा रहा है कि इनकी घोषणाएं 26 जनवरी को हो सकती है।
बताया जा रहा है कि अगर किसी वजह से गणतंत्र दिवस पर नए जिलों की घोषणा न हो पाई तो भी इस साल स्वतंत्रता दिवस तक चार नए जिले जरूर अस्तित्व में आ जाएंगे। राज्य में चार नए जिलों के साथ ही दो नए संभागों का भी प्रस्ताव है।
जिन नए जिलों का प्रस्ताव बना है उनमें राजनांदगांव से काटकर मोहला मानपुर, कांकेर से अलग भानुप्रतापपुर, रायगढ़ से अलग करके सारंगढ़ और बिलासपुर से अलग कर पेंड्रा-मरवाही का नाम लिया जा रहा है। प्रदेश में वर्तमान में पांच संभाग हैं। इनमें बस्तर, सरगुजा, रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर शामिल हैं। अब संभागों की संख्या बढ़ाकर सात करने की तैयारी है।
नए जिलों के गठन के बाद प्रदेश में जिलों की संख्या 27 से बढक़र 31 हो जाएगी। वर्ष 2000 में मध्यप्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ बना तब यहां जिलों की संख्या 16 थी। तत्कालीन मध्यप्रदेश सरकार ने 1998 में छत्तीसगढ़ में आठ नए जिले बनाए थे। उससे पहले यहां सिर्फ आठ जिले ही थे।
छत्तीसगढ़ के गठन के बाद पहली बार 11 मई 2007 को बस्तर संभाग में नारायणपुर और बीजापुर जिले बनाए गए। इसके बाद जिलों की संख्या 18 हुई। फिर एक जनवरी 2012 को छत्तीसगढ़ सरकार ने बालोद, बेमेतरा, मुंगेली, बलौदाबाजार, गरियाबंद, कोंडागांव, सुकमा, बलरामपुर और सूरजपुर कुल 9 नए जिलों का गठन किया। वर्तमान में 27 जिले हैं।
बताया जा रहा है कि कांकेर को अलग संभाग बनाकर इसमें बालोद, कोंडागांव और भानुप्रतापपुर जिलों को जोड़ा जा सकता है। दुर्ग संभाग से राजनांदगांव को अलग कर नया संभाग बनाया जा सकता है। इसमें मोहला मानपुर और कवर्धा जिलों को शामिल किया जा सकता है।
यह भी देखें : छत्तीसगढ़ : विकास यात्रा में सरकार ने खर्च किए 20 करोड़…टेंडर भी मनमर्जी से बांटा… खुली फाइल, होगी जांच…
Add Comment