रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के समय विकास यात्रा और अटल विकास यात्रा के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। कम दर वाली फर्म के बजाय 250 फीसदी अधिक दर पर दूसरी एजेंसी को काम दे दिया गया। इसके चलते सरकारी खजाने को 20 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
आरटीआई के तहत मिले दस्तावेज बताते हैं कि 5 सितम्बर 2018 से 1 अक्टूबर 2018 तक 46 कार्यक्रम विकास यात्रा के लिए आयोजित किए गए थे, जिनपर 12 करोड़ 15 लाख रुपए खर्च किए गए। इसी तरह अटल विकास यात्रा के लिए आयोजित 36 कार्यक्रम में 7 करोड़ 80 लाख 75 हजार 990 रुपए खर्च किए गए।
इन दोनों यात्राओं की शासन से अनुमति की आदेश की कॉपी आरटीआई के तहत जब सामान्य प्रशासन विभाग, मुख्यमंत्री सचिवालय और जनसंपर्क विभाग से मांगी गई तो ‘निरंक’ होना बताया गया। बता दें कि इन दोनों यात्राओं के सहारे तत्कालीन भाजपा सरकार ने अपनी उपलब्धियों का बखान कर चौथी बार सत्ता में आने का सपना संजोया था। गड़बड़ी को लेकर राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस के नेता आशीषदेव सोनी ने मुख्यमंत्री से जांच की मांग की है।
विकास यात्रा और अटल विकास यात्रा के लिए टेंडर प्रक्रिया के लिए 13 इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को इम्पैनलमेंट किया गया था। इनमें से 8 फर्मों का चयन किया गया। टेक्निकल बिड और प्रजेंटेशन के आधार पर 5 फर्मों का चयन किया गया। जिसमें दिल्ली की एक फर्म टचवुड ग्रुप ने नि:शर्त एल-1 पर कार्य करने के लिए सहमति व्यक्त की। जनसंपर्क के अधिकारियों ने कम दर भरने वाली फर्म को हटा दिया।
इस पूरे मामले में जनसंपर्क आयुक्त तारण प्रकाश सिन्हा का कहना है कि मामले के संबंध में शिकायत मिली है। जांच कराई जाएगी। यदि टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी हुई है तो जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाएगी।
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