रायपुर। जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने रविवार को विधानसभा चुनाव में पार्टी के हार के कारणों की समीक्षा की, साथ ही उसके समाधान भी बताए गए। इसमें कहा गया है कि रमन सरकार के भारी विरोध के कारण भाजपा के कोर वोटबैंक विशेषकर पिछड़ा और अति-पिछड़ा वर्गों का कांग्रेस में स्थानांतरण हुआ। ये वोट उनके गठबंधन को नहीं मिले।
संघर्ष त्रिकोणीय होने की जगह जनता और सत्ता के बीच रहा, जिसका फायदा कांगे्रस को मिला और भाजपा लगभग विलुप्त हो गई। त्रिकोणी संघर्ष की स्थिति में उनकी पार्टी को कम से कम 15-20 सीटें मिलती।
वहीं पार्टी की ओर से जारी समाक्षा रिपोर्ट के मुताबिक, बसपा के साथ गठबंधन से पार्टी की केवल विशेष जाति के पार्टी के रूप में पहचान, जिसके कारण अन्य वर्गों के वोट नहीं मिले।
साथ ही रिपोर्ट में कहा गया कि बस्तर और सरगुजा संभाग के ग्रामीण और आदिवासी मतदाताओं में मान्यता कि जोगी कांग्रेस मतलब पंजा छाप के चलते अधिकांश लोगों को यही लगा कि जोगी कांग्रेस और कांग्रेस एक ही पार्टी है। रिपोर्ट में बताया गया कि चुनाव चिन्ह मतदान के दो महीने पहले मिलने से समय और संसाधनों के अभाव प्रचार में अभियान में कमजोरी भी कारण रहा है।
देखें समीक्षा और समाधान की पूरी कॉपी…
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