कोण्डागांव। मकर संक्रांति के अवसर पर महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के द्वारा पर्यावरण और मानव समाज विषय पर आयोजित शोध वार्ता-माला के तहत विश्वविद्यालय के लगभग 100 शोध छात्रों ने भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक विज्ञान विभाग के अधिष्ठाता डॉ. चौबे ने की और अध्यक्षता डॉ. मिथिलेश तिवारी के द्वारा की गई। अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की ओर से डॉ. चौबे ने टाटा राजाराम त्रिपाठी का हाथ से काते गए सूत की माला पहनाकर स्वागत किया।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि और विषय विशेषज्ञ डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने पर्यावरण और मानव समाज विषय पर अपना बीज वक्तव्य दिया। डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि मानव ने इस नीले ग्रह को अपने लालच के कारण स्वर्ग से नरक में बदल डाला है।
हमारे भूगर्भ स्थित जल की मात्रा के 2 दिन घटती जा रही है सन 2050 तक पीने योग्य जल का भारी संकट उत्पन्न होने की संभावना है। पेड़ों की अंधाधुंध कटाई तथा घटते हुए वालों ने ग्लोबल वार्मिंग नामक दावानल को जगा दिया है यह दावानल अगर इसी तरह से आगे बढ़ता रहा तो पूरी सृष्टि को कयामत की आग में झोंक देगा।
प्लास्टिक के कचरे लैपटॉप तथा कंप्यूटर के कचरे तथा इनकी हानिकारक धातुओं का विकिरण आदि आने वाले युग की विषम समस्याएं है जो कि मानव जीवन को बेहद कठिन बनाने वाली है।
यह भी देखें : छत्तीसगढ़ के 40 मजदूर हैदराबाद में बंधक…4 युवक भाग कर घर लौटे…बांकि को छुड़ाने जाएगी टीम…
Add Comment