
रायपुर। राज्य शासन ने निगमों, मण्डलों, प्राधिकरणों, समितियों, परिषदों एवं अन्य संस्थानों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, संचालक, सदस्यों के लिए किए गए मनोनयन को निरस्त करने का आदेश पहले ही जारी किया जा चुका है।
अब एक नया आदेश शासने ने जारी किया है जिसमें संबंधित संस्था का अध्यक्ष तथा अन्य पदनाम का दायित्व संबंधित प्रशासकीय विभाग के भारसाधक सचिव को सौंपा गया है। आदेश में यह भी कहा गया है कि चयन प्रक्रिया के तहत जिनकी नियुक्ति हुई है वे पद पर बने रहेंगे।
15 साल बाद कांग्रेस की सरकार बनी है। वह भी भारी बहुमत के साथ। सरकार ने मंत्री बनाए जाने की सीमा तय है, इसलिए जो विधायक मंत्री बनने से चुक गए हैं उनकों उम्मीद है कि उन्हें निगम मंडलों में समाहित किया जाएगा।
वहीं संगठन में काम कर रहे कांग्रेसियों को उम्मीद है कि उन्हें सरकार बनने के बाद यहां मौका मिलेगा। भूपेश सरकार के सामने यह बड़ी समस्या बनकर उभर सकती है कि वह निगम-मंडलों कि जवाबदारी विधायकों को दें या संगठन में काम कर रहे कांग्रेसियों को। इसको लेकर कांग्रेस में चर्चा का दौर भी शुरू हो चुका है कि सरकार का फैसला क्या होगा।