बिलासपुर। साइंस कॉलेज की नई बिल्डिंग के वाशरूम में छात्र-छात्राओं के लिए एक दरवाजा है। नतीजा ये है कि बिल्डिंग में कक्षाएं तो लग रही हैं, लेकिन छात्राओं ने एक ही दरवाजा होने का विरोध किया तो वाशरूम को सुधारने की बजाय उसे स्टोर रूम बना दिया गया। अब छात्र-छात्राओं को पुरानी बिल्डिंग के ही वाशरूम में जाना पड़ रहा है।
डेढ़ करोड़ की लागत से बनी है नई बिल्डिंग-डेढ़ करोड़ की लागत से बनी नई बिल्डिंग में कई खामियां है। ई. राघवेंद्र राव पीजी साइंस कॉलेज में 8 कमरोंं की बिल्डिंग 1.40 करोड़ की लागत से बना तो ली गई, लेकिन बिजली फिटिंग और रोशनदान में दरवाजे नहीं लगे होने के कारण एक साल तक हैंडओवर नहीं किया गया। अब हैंडओवर होने के बाद भी वाशरूम का इंतजाम नई बिल्डिंग में नहीं है।
नैक से मिला है ए ग्रेड-साइंस कॉलेज नैक से ए ग्रेड प्राप्त है। जिसे यूजीसी और रूसा से बजट मिलता है। उच्च शिक्षा विभाग ने इस कॉलेज को 2005-06 में विज्ञान में उत्कृष्ट संस्थान का दर्जा भी दिया था। विभागों में 2 हजार 355 छात्र-छात्राएं हैं। नई बिल्डिंग में आईटी, कंप्यूटर साइंस, अंग्रेजी विभाग और ऑटोनॉमी सेल को शिफ्ट किया गया है। यहां कक्षाएं भी शुरू हो गई हैं।
चार वॉशरूम पर एक भी इस्तेमाल में नहीं-यहां चार वाशरूम हैं। दो छात्रों के लिए दो छात्राओं के लिए। पर उनका दरवाजा एक ही हैं। दरवाजे अलग-अलग करने की बजाय कॉलेज प्रबंधन ने इसे स्टोर रूम बनाकर ताला लगा दिया है।
अब छात्र-छात्राओं को वाशरूम के लिए पुरानी बिल्डिंग जाना होता है। प्राचार्य डॉ. एसआर कमलेश ने कहा कि अभी कॉलेज में 32 लाख रुपए का काम चल रहा है। वाशरूम को जल्द ही ठीक कराएंगे।रूसा के अफ सर ने कमियों को सुधारने कहा था-रूसा (राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान) के अफसर ने 10 महीने पहले साइंस कॉलेज की नई बिल्डिंग का निरीक्षण किया।
निरीक्षण कर उन्होंने कई कमियां गिनाई। उसे भी अभी तक सुधारा नहीं गया है। रूसा की कमियों में बाथरूम के दरवाजे भी शामिल थे। इग्नू और पीजी सेमेस्टर परीक्षाएं भी हो रहीं-इग्नू और साइंस कॉलेज के पीजी की सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं। इग्नू की परीक्षा भी इस बिल्डिंग में हुई है। वहीं सेमेस्टर परीक्षाएं भी चल रही हैं। नियम के अनुसार परीक्षा के समय छात्रों लिए पानी और वाशरूम का इंतजाम होना चाहिए। पर यहां तो ताला बंद है। (एजेंसी)
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