देवभोग। कांग्रेस सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर 2500 रूपए में धान खरीदी की घोषणा किए जाने के बाद कोचिए अवैध रूप से धान खपाने की तैयारी में है। कोचिए प्रदेश से लगे ओडिशा से धान लाकर यहां खपाने में लग गए हैं। कोचिए ओडिशा से यहां धान लाकर किराए के मकान लेकर धान डंप कर रहे हैं। समय देखकर उसे संग्रहण केंद्रों में खपाने की तैयारी है।
मामले की जानकारी मिलते ही मंडी सचिव प्रदीप शुक्ला अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। संबंधित धान के संबंध में पूछताछ की गई। जिस पर बरही निवासी गंगाराम मां-हजयी ने धान कोअपना होना बताया लेकिन वह धान के संबंध में गोलमोल जवाब देता रहा।
वहीं धान के संबंध में वैध दस्तावेज भी पेश नहीं कर पाया। इसके बाद मंडी सचिव और मंडी इस्पेक्टर रजनी तिवारी के साथ ही अन्य अधिकारियों ने करीब 415 बोरी धान लगभग 165 क्ंिवटल धान को जब्त कर लिया है। अधिकारियों ने जब्त किए गए धान की कीमत लगभग 4 लाख 12 हजार रूपए आंका है।
श्री शुक्ला ने बताया कि जब्त किए गए धान को संग्रहण केन्द्र -हजयाखरपारा के सुपुर्द किया गया है,वहीं अग्रिम कार्रवाई के लिए एसडीएम को पत्र प्रेषित किया जाएगा। मंडी सचिव की माने तो नवीन सुकलीभांठा के सरपंच दयाराम बिसी का भवन गांव के बाहर स्थित है,ऐसे में उन्हीं के भवन में संबंधित व्यक्ति के द्वारा धान को डंप कर रखा गया था और उसे संग्रहण केन्द्र में खपाने की तैयारी चल रही थी।
कोचिएं किसानों का ले रहे सहारा
इस समय देवभोग ब्लॉक में ओडिसा से धान लाकर खपाने का कारोबार बड़ी तेजी से चल है। स्थिति यह है कि धान का काम करने वाले कुछ व्यापारियों के साथ ही कोचिओं ने इसके लिए किसानों का सहारा लेना -शुरू कर दिया है।
इसके लिए उन्होंने करीब महीने भर पहले से ही ऐसे किसानों का पट्टा अपने कब्जे में कर लिया है,वहीं धान का काम करने वाले बिचैलिए ऐसे किसानों को लालच देकर उनका पट्टा अपने पास रख रहे है। स्थिति यह है कि भोलेभाले किसान भी ऐसे बिचैलिओं के साथ ही धान का काम करने वाले व्यापारियों के पाले में फंस रहे है।
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