कोंडागांव। राजीव गांधी शिक्षा मिशन अंतर्गत समन्वय शिक्षा राष्ट्रीय शिक्षा नीति का अहम हिस्सा है। जिसके माध्यम से विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का सामान्य बच्चों के साथ अध्ययन-अध्यापन करने की व्यवस्था है। ऐसे बच्चों का प्रतिवर्ष आंकलन शिविर का आयोजन कर निशक्तता प्रमाण पत्र जिला मेडिकल बोर्ड के द्वारा दिया जाता है। इस क्रम में कलेक्टर के निर्देशानुसार, विकासखंड स्तरीय आंकलन शिविर का आयोजन बीआरसी कार्यालय माकड़ी में किया गया।
इससे शासकीय, अर्ध शासकीय, प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के साथ पालक सम्मिलित हुए। बच्चों का जिला मेडिकल बोर्ड के द्वारा सर्जरी के लिए चिन्हित किया गया। कुछ बच्चों को सामग्री और उपकरण जैसे ट्राईसाईकिल, व्हीलचेयर, बैसाखी के लिए चयनित किया गया।
साथ ही जिन बच्चों के पास नहीं सकता निशक्तता प्रमाण पत्र नहीं है उनके लिए शिविर में ही मेडिकल बोर्ड द्वारा निशक्तता प्रमाण पत्र बनाया गया। बीआरपी समावेशी सौम्य देवांगन के द्वारा सभी बच्चों एवं पालकों निशक्तता के प्रति जागरूक किया गया तथा प्रमाण पत्र में आवश्यकता और महत्व को समझाते हुए स्कॉट ट्रांसपोर्ट व सर्जरी के लिए छात्रों को सूचीबद्ध किया गया।
जिन बच्चों का निशक्त प्रमाण पत्र बना है उन्हें निक्तजन छात्रवृत्ति, पेंशन, परिवहन भत्ता, मार्ग रक्षण भत्ता देने का भी शासन की ओर से प्रावधान है। इसकी जानकारी बीआरपी समावेशी शिक्षा के द्वारा दी गई। इस आंकलन शिविर में 125 में का पंजीयन हुआ जिसमें 75 बच्चे का दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाया गया।
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