भिलाई। तीन दशकों तक देश सेवा करते हुए तीन युद्धों में भाग ले चुके सैनिक ने मरणोपरांत देहदान करने की अनुकरणीय मिसाल प्रस्तुत की है। बीआरपी कॉलोनी मरोदा निवासी भारतीय सेना से सेवानिवृत सूबेदार भागबली जोशी ने अपनी पत्नी दुरपत बाई के साथ संयुक्त रूप से देहदान करने की वसीयत प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी के माध्यम से जारी की।
श्री भागबली जोशी ने 1962 में चीन के विरुद्ध एवं 1965 व 1971 में पाकिस्तान के विरुद्ध युद्ध में भारतीय सेना की ओर से पराक्रम प्रस्तुत किया। देश के लिए इस अमूल्य योगदान हेतु उन्हें राष्ट्रपति की ओर से प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया है।
78 वर्षीय श्री भागबली एवं उनकी पत्नी दुरपत बाई के द्वारा मरणोपरांत देहदान के माध्यम से मानवता की भलाई के लिए अपनी पार्थिव काया चिकित्सा अध्ययन हेतु समर्पित करने के संकल्प को साकार करने प्रनाम के स्वयंसेवकों ने उनके घर जाकर दोनों देह्दानियों का सम्मान किया।
जोशी दम्पति द्वारा देहदान की वसीयत जारी करने की नेक पहल को साकार करने साक्षी के रूप में उपस्थित प्रनाम के अध्यक्ष पवन केसवानी, घनश्याम मिर्झा, सैफ आजम, ओमकार देवांगन, राकेश साहू एवं रूपचंद पटेल ने अपनी सहभागिता प्रदान की।
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