
कोरबा। शहर में घुस आए हाथियों के झुंड से शहरवासी दो दिनों तक दहशत में थे। लगभग 21 घंटे तक शहर के पास रहने के बाद हाथियों का दल वापस जंगल लौट गए। हाथियों को रिहायशी इलाके से दूर खदेडऩे के लिए वनमंडल दो दिनों तक मशक्कत करनी पड़ी। 70 से ज्यादा वनरक्षकों व पुलिसकर्मियों समेत करीब 200 कर्मी बुधवार को आधी रात तक डटे रहे।
रात 11 बजे के बाद हाथियों का दल मानिकपुर क्षेत्र से दादरखुर्द पहुंच गए। हाथियों के फिर से लौट आने की संभावना को देखते हुए अमला रात-भर गश्त करता रहा। गुरुवार की सुबह हाथियों को करतला रेंज अंतर्गत तुमान क्षेत्र में विचरण करते देखा गया है।
शहर के रिहायशी इलाके में दो नर, एक मादा व एक बेबी समेत चार हाथियों का मंगलवार-बुधवार की रात भटककर शहर में घुस आए थे। शहर के करीब गजराजों को देखकर क्षेत्र में सनसनी फैल गई थी। हाथियों ने मुड़ापार हेलीपेड से लगे जंगल में डेरा डाल दिया था।
शहर के बीच हाथियों के घुसने की सूचना मिलते ही कलेक्टर-एसपी समेत पुलिस-प्रशासन व वन विभाग के आला अधिकारी पहुंच गए। दो दिनों तक वन विभाग व पुलिस की टीम हाथियों को खदेडऩे में लगे रहे। शहर से हाथियों के दूर होने के बाद ही पुलिस-प्रशासन ने राहत की सांस ली।
शहरी इलाके को छोड़कर पहले दादरखुर्द व उसके बाद घने जंगल में लौटने वाले इस झुंड को गुरुवार की सुबह भी देखा गया। चारों हाथी करतला वन परिक्षेत्र में विचरण कर रहे हैं। हाथियों को करीब से देखने के चक्कर में एक युवक पर हाखियों ने हमला कर दिया था। हमले से घायल युवक रामसागरपारा निवासी दिलीप विश्वकर्मा को सिम्स रेफर कर दिया गया था।
उसकी स्थिति अब भी स्थिर बनी हुई है। पुलिस की नजर बचाकर तीन युवक हाथी देखने नर्सरी में जा घुसे थे, जिनमें दो भागकर लौट गए थे, जबकि दिलीप घायल हो गया। बताया जा रहा है कि सेल्फी लेने के चक्कर में वह हाथी के काफी करीब पहुंच गया था और हाथी ने दौड़ाकर उस पर हमला कर दिया था।
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