देश के पांच बड़े सरकारी बैंकों ने पिछले साढ़े तीन सालों में ग्राहकों की जेबें काटीं। इनमें बैंकों ने 4448 करोड़ रुपए की कमाई की है। लेकिन बैंकों की इस कमाई पर फिलहाल रोक की उम्मीद बिल्कुल नहीं है।
इन मामलों में एसबीआई सबसे आगे है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने अपने ग्राहकों के खातों से करीब 4448 करोड़ रुपये साफ कर दिए। देश के पांच बड़े सरकारी बैंकों ने ग्राहकों द्वारा खाते में पर्याप्त राशि न रखने की एवज में कुल 6246 करोड़ रुपये की कमाई की है। वहीं एटीएम में लोगों द्वारा किए जाने वाले अतिरिक्त ट्रांजेक्शन के नाम पर लोगों से 4145 करोड़ रुपये की वसूली की है।
इस वसूली में सबसे आगे एसबीआई है। एसबीआई ने ग्राहकों द्वारा खाते में पर्याप्त राशि न रखने की एवज में पिछले 3.5 साल में करीब 2894 करोड़ रुपये वसूले हैं। दूसरे नंबर पर पंजाब नेशनल बैंक रहा, जिसने 493 करोड़ रुपये वसूले। तीसरे, चौथे और पांचवे नंबर पर क्रमश: कैनरा बैंक (352 करोड़ रुपये), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (348 करोड़ रुपये) और बैंक ऑफ बड़ौदा (328 करोड़ रुपये) शामिल रहे।
एटीएम पर ग्राहकों द्वारा किए जाने वाले अतिरिक्त ट्रांजेक्शन से वसूली में भी एसबीआई सबसे शीर्ष पर रहा। बैंक ने इस तरह से करीब 1554 करोड़ रुपये कमाए। दूसरे नंबर पर बैंक ऑफ इंडिया रहा जिसने 464 करोड़ रुपये वसूले। लिस्ट में पीएनबी (323 करोड़ रुपये), यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (241 करोड़ रुपये) और बैंक ऑफ बड़ौदा (183 करोड़ रुपये) के साथ क्रमश: तीसरे, चौथे व पांचवे स्थान पर रहा।
साढ़े तीन सालों में सरकारी बैंकों ने 10,000 करोड़ रूपये से ऊपर की राशि वसूली है इसके अलावा निजी बैंकों ने भी काफी बड़ी राशि ग्राहकों से वसूल की है। संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में निजी बैंकों के डाटा को शामिल नहीं किया गया था।
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