रायपुर। छत्तीसगढ़ में नए मुख्यमंत्री पर जारी कश्मकश आखिरकार खत्म हो गई। आलाकमान ने आखिरकार भूपेश बघेल के नाम पर मुहर लगा दी। दिल्ली में कई दौर के मैराथन बैठक के बाद भूपेश बघेल के नाम पर फैसला लिया गया।
इससे पहले बुधवार को नई दिल्ली से पहुंचे पर्यवेक्षक मल्लिाकार्जुन खडग़े ने विधायक दल की बैठक ली थी। बैठक रात एक बजे तक चली थी। विधायक दल की बैठक के बाद छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया के साथ मल्लिकार्जुन दिल्ली लौटे और रिपोर्ट आलाकमान को सौंपा था।
उसके बाद आलाकमान को सभी दावेदारों को दिल्ली बुलाना पड़ा। दिल्ली में तीन दिनों तक कई दौर की बैठक हुई। पल-पल स्थिति बदलती गई। चारों दावेदारों में कभी कोई आगे तो कभी कोई पीछे का दौर चलता गया।
11 दिसंबर को हुए मतगणना के साथ ही कांग्रेस ने पूर्ण बहुमत प्राप्त कर लिया है। बहुमत मिलते ही कांग्रेस में नए मुख्यमंत्री को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई थी।
इस बीच सीएम पद के प्रमुख दावेदारों में छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव के नाम सबसे आगे चल रहे थे।
वहीं कांग्रेस से वर्तमान सांसद और दुर्ग ग्रामीण से चुनाव जीतकर आए ताम्रध्वज साहू, सक्ती से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक चरणदास महंत के नाम भी चल रहे थे।
आखिरकार राहुल गांधी एक नाम पर सहमति बनाते हुए भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ का कमान सौंप दिया।
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