जगदलपुर। बस्तर संभाग में इस वर्ष पुलिस-नक्सलियों के बीच हुई 159 मुठभेड़़ों में पुलिस ने 111 नक्सलियों को मार गिराया है। वहीं 209 हथियार बरामद किए हैं। साथ ही 1079 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है एवं 451 ने आत्मसमर्पण किया है। वहीं 69 बारूदी विस्फोटों एवं हमलों में 50 पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं एवं 121 घायल हुए हैं। इस दौरान नक्सलियों ने 67 आम नागरिकों की हत्याएं की हैं।
बस्तर संभाग में पिछले सालों के मुकाबले नक्सली घटनाओं में कमी आई है। हालांकि नक्सलियों ने वर्ष 2018 में अपने हमले कम नहीं किए लेकिन उनके संगठन को भी भारी नुकशान उठाना पड़ा। आकड़ें बताते हैं की कई बड़े हमले पैरामिलिट्री फोर्स ने नाकाम कर दिया। कहा जा सकता है की राज्य में नक्सलियों ने साल भर उत्पात तो मचाया, पर उन पर अंकुश लगाने में पुलिस को काफी सफलताएं भी मिली।
नक्सल उन्मूलन के तहत बस्तर के सभी सातों जिलों में अलग-अलग नामों से पुलिस ने अभियान छेड़ा, फलस्वरूप कई नक्सली संगठन छोड़ मुख्यधारा में लौटे। सरकारी आकड़ें बताते हैं कि पिछले वर्षों के मुकाबले इस वर्ष बस्तर जोन में घटनाओं में कमी आई है।
1 जनवरी से 30 नवंबर तक की जानकारी के अनुसार बस्तर जोन के दंतेवाड़ा, कांकेर बीजापुर, नारायणपुर, कोंडागांव, सुकमा और बस्तर जिले में कुल 436 नक्सली अपराध पंजीबद्ध किए गए हैं, जिसमें 157 मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या 111, गिरफ्तार नक्सलियों की संख्या 1079, समर्पित नक्सली 451, नक्सली कैम्प पर रेड 4, नक्सलियों से विभिन्न प्रकार के 209 हथियार बरामद किए गए हैं।
अधिकृत आकड़ों के मुताबिक नक्सलियों ने वर्ष 2018 में कुल 69 विस्फोट किए, सुरक्षा बलों के जवानों ने 276 आईईडी बरामद की है, जबकि 1075 डेटोनेटर और 661 जिंदा कारतूस नक्सलियों से जब्त किए गए।
विभिन्न जिलों में मुठभेड़ और विस्फोट से पैरामिलिट्री फोर्सेस, जिला पुलिस बल, डीआरजी सहित बस्तर में तैनात अन्य सुरक्षा बलों के 50 जवान शहीद हुए जबकि, मुखबिरी व अन्य कारणों से 67 आम नागरिकों को अपनी जान गवानी पड़ी।
1 जनवरी से 30 नवंबर 2018 के बीच सुरक्षा बलों के 121 जवान घायल हुए, जबकि 30 आम नागरिकों को नक्सलवाद का दर्द उठाना पड़ा। विगत वर्षों में मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों से लूटे गए 16 हथियार भी फोर्स ने बरामद किए हैं।
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