कोण्डागांव। विकासखंड फरसगांव के ग्राम पावड़ा में वनबंधु परिषद एकल अभियान के तत्वावधान में दो दिवसीय नि:शुल्क आरोग्य शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में तीन हजार से अधिक ग्रामीणों ने अपना पंजीयन करवाया और स्वास्थ्य लाभ लिया।
इस शिविर में जिला अस्पताल कोण्डागांव, आयुष विभाग फरसगांव, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र केशकाल, फरसगांव के साथ-साथ वीवाय हॉस्पिटल के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण व नि:शुल्क उपचार किया।
कलेक्टर नीलकंठ टीकाम ने शिविर का शुभारंभ करते हुए कहा कि अंदरूनी क्षेत्रों में अधिकाधिक ग्रामीणों को चिकित्सा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से वनबन्धु परिषद व गायत्री प्रज्ञा पीठ द्वारा इस प्रकार का आयोजन किया जाना सराहनीय है, क्योंकि शास्त्रों में भी लिखा गया है।
पहला सुख निरोगी काया। इसी भावना के तहत जिला प्रशासन पूरी संवेदनशीलता के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कृत संकल्पित हैं। इसके तहत शिविर का आयोजन भी एक ऐसा प्रयास है क्योंकि स्वस्थ जीवन हर व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है।
शिविर स्थल में अलग-अलग स्वास्थ्य स्टॉल बनाए गए थे। यहां डॉक्टरों की टीम द्वारा गठिया, वात, टीबी, नेत्र, दन्त, हड्डी रोग, नाक, कान, स्त्री रोग सहित सामान्य रोगियों का स्वास्थ्य परीक्षण कर नि:शुल्क उपचार एवं सलाह परामर्श दिया गया।
आयुष स्टाल में लगी रही भारी भीड़
आज भी अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों का विश्वास और लगाव अपनी आयुष चिकित्सा पद्धति से बना हुआ है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आरोग्य शिविर में बाहर से आए विशेषज्ञ चिकित्सकों के बावजूद आयुष विभाग के स्टाल में भारी भीड़ देखने को मिली। आयुष स्टाल में आयुर्वेद और होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से उपचार के साथ ही मौसमी रोगों से बचाव के लिए काढ़ा वितरण की भी व्यवस्था थी। आयुष विभाग जिला कोंडागांव से डॉ. चंद्रभान वर्मा, डॉ. कुशवाहा, डॉ. विश्वकर्मा, डॉ. बनपेला, डॉ. साहू, डॉ.दास ने अपनी सेवाएं दी।
आकर्षण का केंद्र रहा व्यसन मुक्ति स्टॉल
शिविर में व्यसन मुक्ति केन्द्र का स्टाल आकर्षण का विषय था जहां ग्रामीणों में नशे के दुष्प्रभाव को प्रभावशाली तरीके से दर्शाया गया। विभिन्न ब्रोशर पांपलेट और पोस्टर के माध्यम से नशे के दुष्परिणाम से जन साधारण को परिचित कराया गया।
पैथालॉजी की सुविधा उपल्ब्ध
शिविर में सिकिल सेल, रक्त शर्करा परीक्षण, हीमोग्लोबिन आदि रक्त परीक्षण की व्यवस्था थी। दो दिवस तक चलने वाले शिविर मे 3000 से अधिक ग्रामीणों ने अपना पंजीयन करवाया एवं लाभान्वित हुए।
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