एटीएम से पैसा निकालना अब भारी पडऩे वाला है। क्योंकि इस पर अब बैंक शुल्क वसूलने की तैयारी में है। साथ ही बैंक उपभोक्ताओं पर जीएसटी की मार भी पड़ेगी। इसके चलते बैंक के अंदर या फिर बाहर होने वाले सभी तरह के लेनदेन पर टैक्स देना होगा। इससे ग्राहकों को बैंक और एटीएम पर मिलने वाली मुफ्त सुविधा भी खत्म हो जाएगी। अभी ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से पांच बार मुफ्त ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। नई व्यवस्था लागू हो जाने के बाद यह मुफ्त ट्रांजेक्शन खत्म हो जाएंगे।
चेक भुनाने से लेकर के एटीएम से कैश निकालने पर अतिरिक्त पैसा देना होगा। एटीएम पर होने वाले नॉन बैंकिंग ट्रांजेक्शन की फीस को भी 18 रुपये से बढ़ाना चाहते हैं। यह बढक़र के 25 रुपये तक हो सकती है। इस फीस को 2012 में तय किया गया था और तब से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। एटीएम से एक ट्रान्जेक्शन की लागत एक दिन का 23 रुपये आती है।
वर्तमान में सभी बैंक एटीएम पर होने वाले कैश ट्रांजेक्शन के लिए 15 रुपये और नॉन कैश ट्रांजेक्शन करने पर खाते से 5 रुपये काटते हैं। यह चार्ज हर महीने फ्री में मिलने वाले ट्रांजेक्शन के ऊपर लगता है। मीडियो रिपोट्र्स के मुताबिक, बैंक आपको ये सेवाएं मुफ्त देता हैं जबकि बैंकों को इस तरह की सेवाओं पर लगभग 40 हजार करोड़ रुपये का सर्विस टैक्स देना पड़ता है।
इन सेवाओं पर लगेगा जीएसटी
जिन मुफ्त सेवाओं पर बैंकों ने 18 फीसदी जीएसटी लगाने का प्रस्ताव दिया है उसमें चेक बुक, एटीएम का प्रयोग, अतिरिक्त क्रेडिट कार्ड और पेट्रोल-डीजल का कार्ड से भुगतान पर मिलने वाले रिफंड शामिल है। फिलहाल भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई और एचडीएफसी बैंक इस चार्ज को लगाना सबसे पहले शुरू करेंगे। इसके बाद अन्य बैंक भी इस तरह की घोषणा कर सकते हैं।
बेसिक बचत खाते पर भी लगेगा टैक्स
जिन लोगों ने अपना बेसिक बचत खाता खुलवा रखा है, उनको भी एटीएम का प्रयोग करने पर टैक्स देना होगा। जो लोग अपने खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखते हैं उन से भी जीएसटी वसूला जाएगा।
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