नक्सल (माओवाद) संगठन के शीर्ष नेतृत्व में बड़ा बदलाव करते हुए संगठन का महासचिव बसवराजू (नंवबल्ला केशव राव) को बनाया गया है। 25 सालों से इस पद पर कार्यरत मुपल्ला लक्ष्मण राव उर्फ गणपति के स्थान पर यह जिम्मेदारी बसवराजू को सौंपी गई है?
सीपीआई माओवादी की केन्द्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय की ओर से एक प्रेस रिलीज जारी कर शीर्ष नेतृत्व में बदलाव की जानकारी सार्वजनिक की गई है। जिसमें बताया गया है कि गणपति ने खराब सेहत की वजह से अपनी जगह बसवराजू को महासचिव बनाये जाने का प्रस्ताव दिया था।
नए महासचिव को लेकर जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक बसवराजू आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम जिले के जियन्नापेटा का रहने वाला है। बसवराजू को महासचिव बनाने का फैसला सीपीआई माओवादी की केन्द्रीय कमेटी की बैठक में लिया गया है।
बसवराजू करीब 27 सालों से माओवादी संगठन की केन्द्रीय कमेटी का सदस्य है। बसवराजू 18 सालों से पोलित ब्यूरो सदस्य के तौर पर सक्रिय रहने के अलावा पार्टी के केंद्रीय सैन्य आयोग के प्रभारी के तौर पर भी काम किया है।
बसवराजू ने वारंगल से इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। बसवराजू को साल 1980 में एक बार छात्र संगठनों के झगड़े में पुलिस ने गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद से वो अंडरग्राउंड है। बताया जाता है कि इस समय बसवराजू की उम्र 63 साल के आसपास होगी।
वर्तमान समय में बसवराजू की कोई अधिकारिक फोटो एजेसिंयों के पास नहीं है। नए महासचिव बसवराजू संगठन में ज्यादातर समय सैन्य कमान संभालने के कारण बसवराजू आक्रामक हमलों के लिए जाना जाता है। हमलों की रणनीति बनाने में भी बसवराजू को महारत हासिल है।
अलग-अलग राज्यों में इनाम घोषित
नक्सलियों के नए शीर्ष नेतृत्व बसवराजू पर अलग-अलग राज्यों और केन्द्रीय सुरक्षा संगठनों ने 1 करोड़ 57 लाख रुपये का इनाम है। पद में परिवर्तन से ऐसी आशंका जताई जा रही है कि नक्सली घटनाओं में तेजी आ सकती है।
छत्तीसगढ़ में बड़े हमलों का मास्टर माइंड
छत्तीसगढ़ में चुनाव के समय हुए नक्सली हमलों के पीछे बसवराजू ही मास्टर माइंड है। जिसमें आईडी ब्लास्ट, 5 सुरक्षाकर्मियों की मौत और आंध्रप्रदेश में एक विधायक की हत्या जैसे मामले शामिल है। ऐसी भी जानकारी निकलकर आ रही है कि छत्तीसगढ़ में जो भी बड़ी नक्सली वारदात हुई है उसमें बसवराजू की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
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