अनुज नाहरिया, कोण्डागांव। झारखंड में २९ नवंबर से ३ दिसंबर तक स्कूल स्तरीय राष्ट्रीय हॉकी खेल प्रतियोगिता का आयोजन होने जा रहा है। इस हॉकी प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ की ओर से कोंडागांव की ४ बालिकाओ को भी शामिल किया गया है। कभी हॉकी से अनजान ये छात्राएं अत्यंत नक्सल प्रभावित क्षेत्र मर्दापाल के रहने वाले हैं।
हॉकी के प्रशिक्षण लेने वाली छात्राओं में ऐसी भी छात्राएं शामिल है जिन्हें नक्सली कभी अपने साथ ले जाकर अपना शागिर्द बनाना चाहते थे। तो कई ऐसे खिलाड़ी भी शामिल है, जो नक्सल पीडि़त है और उनके परिजनों ने नक्सलियों से जान बचाने के लिए घर, खेत, गांव सब कुछ छोड़ दिया है।
ऐसे नक्सली प्रभावित छात्राएं अपने खेल का प्रदर्शन राष्ट्रीय स्तर पर दिखा देश को गौरवांवित करेंगी। ऐसा सिर्फ इसलिए संभव हो पाया है क्योंकि जिले में पदस्थ आइटीबीपी ४१वीं बटालियन ने इनके पीछे ३ साल की कड़ी मशक्कत कर प्रशिक्षित दिया है। जिला में नक्सल मोर्चा पर आईटीबीपी के दो बटालियन को तैनात किया गया है।
इनमें से ४१वीं बटालियन के जवानों को मर्दापाल थाना क्षेत्र अंतर्गत भी पदस्थ किया गया है। इस बारे ४१वीं बटालियन के अधिकारी बताते है, जब वे मर्दापाल जैसे क्षेत्र में पदस्थ हुए तो उन्होने पाया कि, क्षेत्र में प्रतिभा की कमी नही है, कमी थी तो केवल उन्हे तरासने के लिए सही मार्गदर्शन की।
ऐसे में आईटीबीपी ने क्षेत्र के सभी बच्चों को अपने ही पसंद से कोई भी खेल खेलने के लिए कहा, जिसका अधिकारियों ने मुआयना भी किया। ऐसे ही कर मर्दापाल क्षेत्र से अलग-अलग खेलों के लिए प्रतिभाएं चुनी जाने लगीं। इसी कड़ी में मर्दापाल के कन्या छात्रावास से हॉकी की दल भी तैयार हो गई।
सभी खेलों के की तरह ही हॉकी के लिए भी खिलाडिय़ों को आईटीबीपी के चयनित राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी या जवान कोच बन प्रशिक्षन देने लगे। कड़ी लगन का ही नतिजा इसे कहना चाहिए कि, ३ साल के कड़ा परिश्रम के बाद हॉकी से अनजान छात्राएं अब नेशनल हॉकी में खेल कर देश को गौरवांवित कर रहे है।
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