रायपुर। अंबेडकर अस्पताल एक और उपलब्धि की ओर अग्रसर है। यहां जल्द ही सेक्स री-असाइनमेंट सर्जरी (एसआरएस) शुरू होने जा रही है। इस सर्जरी से थर्ड जेंडर महिला या पुुरूष बन सकेंगे। अस्पताल प्रबंधन ने इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं।
बताया गया कि एक सर्जरी के लिए 1.50 लाख रुपए खर्च आएगा। इसके लिए समाज कल्याण विभाग और स्वास्थ्य विभाग की स्टेट नोडल एजेंसी (एसएनए) को पत्र लिखा गया है। बजट आने के बाद ऑपरेशन की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में सभी राज्यों को थर्ड जेंडर सर्जरी की योजना बनाने के आदेश दिए थे। इसके बाद प्रक्रिया शुरू हुई थी। छत्तीसगढ़ में चार थर्ड जेंडर्स ने सर्जरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है। चारों महिला बनना चाहते हैं।
सर्जरी प्लास्टिक एवं बर्न विभाग के एचओडी डॉ. दक्षेश शाह और उनकी टीम द्वारा किया जाएगा। टीम ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में तीन हजार थर्ड जेंडर हैं। इनमें से 150 से अधिक ने सर्जरी की इच्छा जाहिर की है। कंसर्ट फॉर्म भी भरे हैं। मितवा संकल्प समिति एसआरएस सर्जरी के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं।
रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद व्यक्ति को काउंसलिंग के साथ-साथ कई सर्जरी से गुजरना होता है, तब जाकर संबंधित व्यक्ति पुरूष या महिला बन पाता है। ये पूरा प्रोसेस एक साल का होता है। इसमें पहले महीने में काउंसलिंग और स्क्रीनिंग होती है।
उसे मानसिक रूप से कोई बीमारी तो नहीं है, इसे लेकर संतुष्ट हो जाने के बाद हार्मोन थेरेपी से गुजरना होता है। लेजर ट्रीटमेंट और ऑपरेशन किया जाता है और अंत में ब्रेस्ट इंप्लांट की प्रक्रिया होती है।
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