
रायपुर। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के पत्रकारवार्ता में मतदान प्रतिशत जारी करने के बाद प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनावों के लिये मतदान का प्रतिशत 2013 में 77.43 प्रतिशत से घटकर इन चुनावों में 76.35 प्रतिशत रह गया। मतदान की प्रतिशत में कमी का प्रमुख कारण भाजपा में उत्साह की कमी है।
चुनाव शुरू होने के पहले ही भाजपा ने अपनी हार मान ली थी। भाजपा का टिकट वितरण इतना खराब था कि न कोई भाजपा कार्यकर्ता प्रचार करना चाह रहा था और न ही भाजपा उम्मीदवारों के लिये वोट डालने जनता में कोई रूझान था।
2013 के चुनावों में भाजपा के भीतर विद्रोह और भगदड़ के साथ-साथ आपसी मनमुटाव की स्थिति को भी मतदान में कमी के लिये उत्तरदायी ठहराते हुये त्रिवेदी ने कहा है कि भाजपा के समर्थक वोट डालने के लिये निकले ही नहीं। परिवर्तन और बदलाव के लिये वोट डालने वाले सभी लोग अपने घरों से वोट डालने निकले और भाजपा के कथित विकास के मुद्दे पर कोई समर्थन नहीं था।
नितिनने दावा किया है कि 11 दिसंबर को मतगणना के दिन भाजपा के वोटों में जबर्दस्त गिरावट और कांग्रेस के वोटों में बढ़ोत्तरी दर्ज होगी। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा करते हुए कहा है कि कांग्रेस ने किसानों का कर्जा माफी, बिजली का बिल हाफ के संदेश का छत्तीसगढ़ की जनता ने व्यापक स्वागत किया।
किसानों ने धान बेचना बंद कर दिया है। सोसायटियों में ताला बंदी की स्थिति देखकर भाजपा में दहशत हो गयी। हार के डर से भाजपा ने घटिया चाल चलते हुये कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र के कर्ज माफी के मुद्दे से किसानों को बरगलाने का षडय़ंत्र किया और फर्जी लेटर पैड पर प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन के हस्ताक्षर के साथ एक झूठा जाली पत्र वायरल किया,
पाम्पलेट भी बंटवायें। भाजपा के इस घटिया चाल की कांग्रेस ने तत्काल मुख्य निर्वाचन अधिकारी मोवा थाना और साइबर सेल में शिकायत की। इन सबसे यह स्पष्ट है कि भाजपा अपनी हार के कारणों को भली भांति जान कर बौखलाहट का शिकार हो गयी है।