
रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह शनिवार को कसडोल विधानसभा के वटगन में भाजपा प्रत्याशी गौरीशंकर अग्रवाल के लिए चुनावी सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि गौरीशंकर को आप लोगों ने चुनाव जीता कर विधानसभा भेजा और उन्होंने 50 साल में जो काम नहीं हुआ था उसे पांच साल में ही करके दिखा दिया।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस अब भाजपा की नकल कर रही है। लेकिन नकल करने के लिए भी अकल की जरूत है। कांग्रेस अपने घोषणा पत्र में चावल देने का वादा किया है। कांग्रेस काफी देर बाद होष में आया। कांग्रेस को चावल देने की याद अब आ रही है।
वे 1 रुपये किलो में चावल देने की बात कह रहे हैं। इतने दिनों तक उन्हें चावल और धान की याद नहीं आई। हम तो 11 साल से चावल की योजना चला रहे हैं। 128 महीने हो गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने वोट के लिए चावल की योजना नहीं बनाई थी। मेरा संकल्प था कि कोई गरीब खाली पेट ना सोए।
गरीबों के जीवन में परिवर्तन आए इसलिए योजना बनाई थी। मैंने पलायन की पीड़ा को देखा है। कंद-मूल खाकर लोगों को जीवन जीते देखा है। कांग्रेस को इस पर राजनीति सुझ रही है। यह योजना एक दिन का नहीं है। चावल देने से सरकार नहीं बनती।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस 15 साल से सत्ता से बाहर है इसलिए वे बीन पानी के मछली की तरह फडफड़ा रहे हैं। उनकी बेचैनी बढ़ गई है। कांग्रेस 50-60 साल से गरीबी हटाने नारे लगाते रहे। गरीब हट गया लेकिन गरीबी नहीं हटी। आज कांग्रेस और अन्य पार्टी धान समर्थन मूल्य के लिए मंडी की तरह बोली लगा रहे हैं, लेकिन किसी में हिम्मत नहीं है समर्थन मूल्य देने का।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अब गंगा जल जेब में लेकर घुम रहे हैं। उन्हें अपनी अंतिम समय याद आ रहा है। इसलिए गंगा जल लेकर शपथ ले रहे हैं। बछिया भी मंगा लें। आप सभी को मालूम है कि गंगा जल और बछिया की पूंछ की जरुत कब पड़ती है।
कांग्रेस नारे लगाती रही की हम काम करते हैं, लेकिन काम कुछ हुआ नहीं। कांग्रेसी पहले कुछ लोगों को इंदिरा आवास देते थे। 30-40 हजार देते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अब हर गरीब परिवार को आवास देने का बीड़ा उठाया है। 11 लाख परिवार को अब तक मकान दे चुके हैं।
आने वाले 2022 तक देश से कच्ची मकान गायब हो जाएंगे। सभी गरीबों को प्रधानमंत्री आवस के रूप में पक्का मकान देंगे। मुख्यमंत्री ने सभा में उपस्थित लोगों से कहा कि आप ही कांग्रेस की 50 साल और भाजपा के 15 साल की तुलना करके देख लें। फर्क आपको समझ आ जाएगा। मतदान एक गंभीर फैसला है। एक गलत निर्णय 5 साल से 50 साल पीछे कर देता है। इस लिए चुक नहीं होनी चाहिए।