सरदार सरोवर डैम के पास स्थित 22 गांवों के मुखियाओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला खत लिखा है। खत में कहा गया है कि गांव वाले 31 अक्टूबर को होने वाले स्टैचू ऑफ यूनिटी (Statue Of Unity) के उद्घाटन में पीएम मोदी का स्वागत नहीं करेंगे। इसके अलावा स्थानीय आदिवासी नेताओं ने कार्यक्रम का बहिष्कार करने की घोषणा की है। उनका कहना है कि मूर्ति की वजह से प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुंचा है।
पीएम मोदी को लिखे इस खत में कहा गया, ‘इन जंगलों, नदियों, झरनों, जमीन और खेती ने सदियों से हमारी मदद की है। हम इन्हीं के बल पर अपना जीवन जी रहे थे। लेकिन अब सब बर्बाद हो गया है और खुशियां मनाने की तैयारियां भी हो रही हैं। आपको नहीं लगता किसी की मौत पर खुशियां मनाना अजीब है, पर हमें लगता है।’
इसमें आगे कहा गया, ‘हम सभी गांव वालों को बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि 31 अक्टूबर को हम आपका स्वागत नहीं करेंगे। फिर चाहे आप यहां अनचाहे मेहमान के जैसे भी आएं, आपका यहां स्वागत नहीं होगा। अगर सरदार पटेल ये देखते कि प्राकृतिक संसाधनों को इतना बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा और हमारे साथ अन्याय किया जा रहा है, तो वो खुद रोने लग जाते। जब हमने आवाज उठाई तो पुलिस ने हमें रोका, आप (पीएम मोदी) हमारी गुहार क्यों नहीं सुनते।’
बता दें कि सरदार पटेल की मूर्ति के लिए 2989 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। 27 अक्टूबर 2014 में लार्सन एंड टर्बो ने 2989 करोड़ में इसकी बोली लगाते हुए इस प्रोजेक्ट को बनाने का अधिकार हासिल किया। इसमें एलएंडटी ने डिजाइन, कंस्ट्रक्शन और मेंटनेस की पेशकश की थी। करीब 2500 मजदूरों और 200 इंजीनियरों ने इस मूर्ति को बनाया है। इसमें ज्यादातर चीनी मजदूर और एक्सपर्ट शामिल हैं।
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