अभनपुर। प्राथमिक कृषि सेवा साख सहकारी समिति तामासिवनी के ग्राम मोखेतरा में 24 अक्टूबर को एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. गजेंद्र चन्द्राकर थे। उन्होंने ग्राम मोखेतरा के किसानों को जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में खेती की लागत को कम करने एवं आय को बढ़ाने में कृषि आदानों में प्रमुख आधार बीज है। पर आज प्रचलित किस्मों के बीज को बाजार से दुगुने कीमत पर खरीदना पड़ रहा है। हम अपने खेतों से अच्छी गुणवत्ता के बीज स्वयं तैयार कर सकते है।
किसानों के अनुभवों को साझा करते हुए डॉ. चन्द्राकर ने बताया कि खेतों में कडापन आते जा रहा है। पहले जहां बैलों से जुताई हो रही थी वहीं अब ज्यादा पावर के ट्रैक्टर से भी नहीं हो रही है। उपजाऊ क्षमता कम हो रही है। फसल की गुणवत्ता भी कम हो रही है एवं खाद्य पदार्थों में कीटनाशक के अंश हानिकारक स्तर से अधिक पाई जा रही है।
गोबर की खाद कम्पोस्ट पर्याप्त मात्रा में नहीं जाने से जमीन में से केचुए एवं लाभकारी सूक्ष्म जीव घट रहे है। इसी कारण उत्पादन क्षमता कम हो रही है। डॉ चन्द्राकर ने बीज उत्पादन, कीट नियंत्रण,चूहा नियंत्रण एवं आगामी रबी फसलों के प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी।
विशेष अतिथि सतीश पांडे, समिति के अध्यक्ष सोमेश पाण्डे, प्रबन्धक दिनेश सिन्हा, उपाध्यक्ष अवधराम साहू उपाध्यक्ष, हुलास राम साहू,सदस्य ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी टुमेश देशलहरे एवं कुमार राम, भानुराम, राधेश्याम, बृजलाल, रेवाराम, पुसौराम, पुराणिक, नन्दकुमार, कृष्णा साहू, राजेश सेन, डगेश्वर यादव सहित आसपास के गांव के 100 से अधिक किसान उपस्थित थे।
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