रायपुर। विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के पाली-तानाखार के विधायक रामदयाल उइके बिलासपुर में मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और धरमलाल कौशिक के सामने भाजपा में शामिल हुए। एक प्रकार से यह उइकी की घर वापसी है, पहले उइके भाजपा में ही थे।
उइके के भाजपा में जाने से कांग्रेस में खलबली मच गई है। कहा जा रहा है कि उइके मरवाही विधानसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। सन 2000 में उइके मरवाही के विधायक थे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के लिए यह सीट खाली की थी। तब से मरवाही कांग्रेस के हाथ में है। उइके सन 2003 में पाली-तानाखार सीट से चुनाव जीतकर आए थे। तब से अबतक लगातार वहीं से चुनाव जीतते आए हैं।
भाजपा प्रवेश करते ही उइके ने कहा कि कांग्रेस मेें उन्हें घुटन महसूस हो रही थी। कांग्रेस पहले जैसी नहीं रही। वहां मान-सम्मान नहीं मिल रही था। एक आदिवासी नेता की उपेक्षा हो रही थी। कांग्रेस के नेता सीडी बनाने जैसे काम में लगे हुए हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्य से मैं काफी प्रभावित हूं। इसलिए भाजपा में शामिल हुए हैं।
रामदयाल उइके के भाजपा प्रवेश पर ट्वीट करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा-
“रामदयाल उइके को कांग्रेस ने बहुत मान सम्मान दिया। उनका पार्टी छोडक़र जाना अवसरवादिता की राजनीति है। लेकिन वे इस बार अवसर ठीक से पहचान नहीं पाए। वैसे भी वे जिस दल में जाते हैं उसकी सरकार चली जाती है।”
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