रायपुर। सरकार लोगों के स्वास्थ्य और महंगे खर्च के देखते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना व आयुष्मान जैसे योजनाओं को लागू तो कर दी गई है। लेकिन इसका विरोध भी किया जा रहा है। क्योंकि अधिकांश निजी चिकित्सालय में इस योजना के तहत चिकित्सकों को अब राशि का भुगतान नहीं किया गया है जबकि शासन करोड़ो रूपए भुगतान करने का आकड़ा जारी करती रहती है।
लेकिन आज चिकित्सकों की हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि जब तक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के लंबति राशि का भुगतान और अन्य मुद्दे हल नहीं किए जाते तब तक आयुष्मान पर कोई चर्चा नहीं होगी सभी जिला आई एम ए इकाइयों की सहमति मिलने के बाद ही आयुष्मान के सरलीकरण सहित अन्य पैकेजेस पर बात की जाएगी। बैठक में राज्य भर से आए जिला आई एम ए और हॉस्पिटल बोर्ड के लगभग 70 सदस्य उपस्थित थे।
मीटिंग में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि कल होने वाली राज्य भर की जिला स्तर पर शिकायत निवारण समितियों का बहिष्कार पहले से ही औचित्य साबित होने के कारण किया जाएगा क्योंकि अगस्त में हुई जिला सरकार शिकायत समिति का विवरण और पुनर्जीवित मामले की लिस्ट स्टेट नोडल एजेंसी देने में असफल रही है।
मीटिंग की अध्यक्षता राज्य इकाई के अध्यक्ष डॉ अशोक त्रिपाठी ने की। आईएमए द्वारा आयोजित इस बैठक में शासन के इस योजनाओं का विरोध करना इस बात को साबित करता है कि कहीं न कहीं सरकार निजी चिकित्सालाओं पर दबाव बनाती है की योजनाओं का क्रियानवयन करें लेकिन राशि का समय पर भुगतान न होना भी चिकित्सकों के समक्ष बहुत बड़ी समस्या खड़ी करती है।
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