बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट टीम के सेलेक्शन कमिटी सलामी बल्लेबाज करुण नायर और मुरली विजय से नाराज हैं। नायर और विजय ने एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली सेलेक्शन कमिटी पर पिछले दिनों कई आरोप लगाते हुए टीम से बाहर किए जाने का कारण पूछा था।
विजय ने कहा था कि जब से वो टीम से बाहर हुए हैं, तब से उनसे न तो किसी सेलेक्टर ने बात की है और न ही टीम मैनेजमेंट में से किसी ने उनसे संपर्क साधा है। इस तरह का रवैया एक खिलाड़ी के मनोबल के लिए काफी बुरा साबित होता है।
विजय ने कहा था कि ये एक अहम बात है कि खिलाड़ी को मालूम होना चाहिए कि उसे किस कारण से टीम से बाहर किया गया है। अगर खिलाड़ी को पता होगा कि उसे क्यों बाहर किया गया है तो उसे ये भी पता चल जाएगा कि वो सेलेक्टर्स और टीम मैनेजमेंट की योजनाओं में कहां खड़ा हुआ है।
खिलाड़ी को ये पता होना चाहिए कि उसने गलती कहां की और टीम मैनेजमेंट और चयनकर्ताओं की उस खिलाड़ी को लेकर क्या योजना है। करुण नायर सेलेक्शन कमिटी पर खुलासा किया था कि उन्हें लगातार छह टेस्ट मैचों से बाहर रखने के बाद न तो टीम प्रबंधन मुख्य कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली और ना ही सेलेक्टर्स ने उनसे बात की।
इसके बाद बीसीसीआई और सेलेक्शन कमिटी इन दोनों से नाराज हो गई है। बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा है कि विजय और करूण ने सेलेक्शन नीति पर बोलकर अच्छा नहीं किया।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा यह सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का उल्लघन है। सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट के अनुसार कोई भी खिलाड़ी हाल में समाप्त हुए दौरे के बारे में 30 दिन तक कुछ नहीं बोल सकता। हैदराबाद में 11 अक्टूबर को सीओ की बैठक है और वहां इस मुद्दे को उठाया जा सकता है।
सीओए प्रमुख विनोद राय ने कहा यह सब बकवास है। सेलेक्शन कमिटी की ओर से इस तरह का मामला नहीं आया है। हमारी सेलेक्शन कमिटी स्वतंत्र कार्य करती है। जहां तक विजय और करुण के बयानों का संबंध है तो हमने उन पर फैसला करने का अधिकार सेलेक्टर्स पर छोड़ दिया है।
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