
रायपुर। प्रदेश के चर्चित नागरिक आपूर्ति निगम में हुए घोटाले के मुख्य आरोपी शिवशंकर भट्ट की महिला मित्र मधुरिमा शुक्ला ने गुरुवार को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। भट्ठ के खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मधुरिमा भी आरोपी हैं।
सरेंडर करने के बाद उनके द्वारा जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस प्रकरण में सुनवाई की अगली तारीख 24 अक्टूबर निर्धारित की गई है। विशेष लोक अभियोजन अधिकारी योगेन्द्र ताम्रकार एवं मिथिलेश वर्मा ने बताया कि दोपहर करीब डेढ़ बजे मधुरिमा शुक्ला ने एंटी करप्शन के स्पेशल जज एडीजे सुनील कुमार नंदे की अदालत में आकर सरेंडर किया।
इसके बाद उसने जमानत के लिए आवेदन प्रस्तुत किया। इस आवेदन में उन्होंने कहा कि जिस मामले में उन्हें सहआरोपी बनाया गया है, उसकी विवेचना पूरी हो चुकी है। जमानत मिलने पर वे विवेचना को किसी भी प्रकार से प्रभावित नहीं करेंगी। कोर्ट को सुनवाई में पूरा सहयोग करेंगी।
ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ मिलना चाहिए। इस पर विशेष लोक अभियोजन अधिकारी ताम्रकार ने आपत्ति करते हुए कहा कि मधुरिमा शुक्ला उर्फ रीमा की अग्रिम जमानत याचिका हाईकोर्ट ने पहले ही खारिज कर दी है। वह कोर्ट के निर्देश के बावजूद बार-बार गिरफ्तारी से बचती रहीं।
ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ दिया गया तो वे गवाहों को प्रभावित कर सकती हैं। इसके आधार पर कोर्ट ने जमानत आवेदन को निरस्त करते हुए मधुरिमा शुक्ला को जेल भेज दिया। गौरतलब है कि मधुरिमा की गिरफ्तारी के लिए वारंट सार्वजनिक जगह, उनके निवास, व्यवसाय स्थल, न्यायालय के सूचना पटल चस्पा से लेकर दैनिक समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाया गया था।
मामला क्या है
नान घोटाले के आरोपी शिवशंकर भट्ट पर एक और मामला आय से अधिक संपत्ति रखने का दर्ज किया था। आय से अधिक संपत्ति मामले में शिवशंकर भट्ट और मधुरिमा शुक्ला के खिलाफ धारा 12(1) ई, 13 (2) और भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 120 बी के तहत 28 जुलाई 2016 को मामला दर्ज किया गया। आरोपी शिवशंकर भट्ट जुलाई 2016 से न्यायिक अभिरक्षा में हैं। हालांकि टेपिंग के एक मामले में उन्हें सजा हो चुकी है।
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