रायपुर। शिक्षाकर्मियों के कार्यक्रम में सीएम रमन सिंह ने कहा कि 23 सालों के संघर्ष का ये फल है। उन्होंने कहा कि मुझे याद है दिग्विजय सिंह के शासनकाल में इसकी शुरुआत हुई थी और उस समय 500 रुपए इनकी तनख्वाह थी, शिक्षक के कैडर को उस वक्त समाप्त कर दिया गया था, जिसके बाद से लगातार शिक्षा का स्तर गिरता रहा।
सीएम ने बीजेपी सरकार के आने के बाद शिक्षकर्मियों के हित के लिए गए निर्णयों की दिलाई याद। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार शुरू से शिक्षकों के साथ है, शिक्षा का स्तर और भी मजबूत होना चाहिए, सारे मंत्रीमंडल की भगीदारी से सभी महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए है।
इंडोर स्टेडियम में आयोजित शिक्षक महासम्मेलन में रमन सिंह ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि 2006 से जिला जनपद में भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई थी। बार-बार अलग-अलग निर्णय होते रहे। अब 8 साल पूरे होने पर संविलियन का निर्णय लिया है, जो भी निर्णय हुआ है पूरे मंत्रिमंडल का निर्णय है। उन्होंने कहा कि नए छत्तीसगढ़ के निर्माण के बाद स्कूल ड्राप आउट रेट घट रहा है।
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