रायपुर। छत्तीसगढ़ में संविलियन का तोहफ़ा मिलने के बाद जहां शिक्षाकर्मियों ने रायपुर के इनडोर स्टेडियम में अपनी खुशी का इज़हार करने और सरकार का शुक्रिया अदा करने संविलियन आभार समारोह का आयोजन किया, वहीं इस आयोजन में जमकर अनियमितता और ओवरकांफीडेंस का नज़ारा देखा गया। कार्यक्रम के शुरुआत में जहां भोजपुरी गाना बजाकर नाच गाकर शिक्षाकर्मियों ने अपनी खुशी का इज़हार किया। वहीं लगातार जय संविलियन, जय संविलियन के नारे लगाए जाते रहे।
संघ के वीरेंद्र दुबे और केदार जैन के संबोधन में कई बार गलतियां देखी गईं। अपने उद्बोधन के दौरान संघ के पदाधिकारी मंच पर बैठे सरकार के वरिष्ठ मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का नाम तक लेना भूल गए। इस दौरान मंच के पीछे माइक लगाकर नारेबाजी लगातार की जाती रही। जिससे कार्यक्रम स्थल में हंसी ठिठोली चलती रही।
जब सरकार के पंचायत मंत्री अजय चंद्राकर के उद्बोधन की बारी आई, तो अजय चंद्राकर ने उद्बोधन की शुरुआत में शिक्षाकर्मियों को खूब खरी खोटी सुनाई। अजय चंद्राकर ने डांटकर कहा कि आप सभी शिक्षक हैं, इसलिए गरिमा का ख्याल रखें, इसे पोलिटिकल कार्यक्रम न बनाएं, आपने जो कहा वो मिला, अब बच्चों पर ध्यान दीजिए। इस दौरान अपने चिरपरिचित अंदाज़ में अजय चंद्राकर ने शिक्षाकर्मियों को अब मेहनत करनी होगी, अजय ने कहा कि इस मंच से विश्वास झलकना था, कि बच्चों को बेहतर भविष्य देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा 23 सालों के संघर्ष का ये फल है, कहा मुझे याद है दिग्विजय सिंह के शासनकाल में इसकी शुरुआत हुई थी और उस समय 500 रुपए इनकी तनख्वाह थी, शिक्षक के कैडर को उस वक़्त समाप्त कर दिया गया, जिसके बाद से लगातार शिक्षा का स्तर गिरता रहा।
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