बिलासपुर। ऑटो चालक से बना बिल्डर हरदीप खनूजा ने बिना अधिकार के सूर्या बिल्डकॉन की 35 एकड़ जमीन को पार्टनरों को धोखा देकर, फर्जी दस्तावेज तैयार कर 1 करोड़ 6 लाख रुपए लेकर धोखा व ठगी की थी। उसके बाद पुलिस के उच्च अधिकारियों से मिलकर एफआईआर को खात्मा कराने में लग गया था, लेकिन सुनील छाबड़ा ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख से मिलकर पूरा वाक्या बताया तो एसपी ने पूरा मामला पीएचक्यू भेजकर जांच कराया।
पीएचक्यू ने भी हरदीप खनूजा द्वारा फर्जी दस्तावेज बनाने का प्रमाण पाया गया, उसके पश्चात पुलिस अधीक्षक ने ठग बिल्डर हरदीप खनूजा की गिरफ्तारी के आदेश दिए, लेकिन हरदीप पुलिस के हाथों नही आया। छत कूदकर भाग गया। पिछले 2 माह से ठग बिल्डर हरदीप फरार चल रहा है। पुलिस अधीक्षक आरिफ शेख ने हरदीप खनूजा के ऊपर 10 हजार के ईनाम की भी घोषणा की है।
आज उच्च न्यायालय में हरदीप खनूजा की ओर से अधिवक्ता मनोज परांजपे ने पैरवी की। सुनील छाबड़ा व अन्य की ओर से बिलासपुर उच्च न्यायालय के अधिवक्ता रणवीर सिंह मरहास व वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव, (पूर्व रजिस्टर जनरल हाईकोर्ट, पूर्व जिला व सत्र न्यायाधीश) व आनन्द गुप्ता ने ठग हरदीप खनूजा की जमानत पर आपत्ति की ,जिसे स्वीकार करते हुए न्यायमूर्ति श्री सावंत ने हरदीप खनूजा की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।
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