
महासमुंद। स्काई योजना के तहत मोबाइल बांटने गए अधिकारियों को पुटका (सराईपाली) गांव में तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखे जाने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीणों ने तहसीलदार ललिता भगत, जनपद सीईओ जीडी सोनवानी, नायब तहसीलदार रमौती दीवान, राजस्व निरीक्षक बरिहा और स्काई योजना के नोडल अधिकारी कमल किशोर नायक को दोपहर 2 से शाम 5 बजे तक पंचायत भवन में बंधक बनाकर रखा था।
गांव के उग्रसेन पटेल, उमाकांत मिश्रा और गोकुल बरिहा आदि प्रमुखों के नेतृत्व में करीब 60-70 ग्रामीणों ने अधिकारियों को यह कहकर कहीं आने-जाने से रोके रखा कि जब तक गांव के सभी लोगों को मोबाइल का वितरण नहीं हो जाता है, वे गांव से बाहर नहीं जाएंगे। ग्रामीण इस बात पर अड़ गए थे कि जितना मोबाइल लेकर आएं हैं, वह गांव के लोगों के बीच वितरण होना चाहिए। अधिकारियों के द्वारा समझाइश देने का ग्रामीणों पर कोई असर नहीं हुआ। वे जिनका सूची में नाम है, उनके अलावा शेष हितग्राहियों को भी मोबाइल देने की मांग करने लगे।
सूचना पर सिंघोड़ा पुलिस गांव पहुंची। तब बड़ी मुश्किल से ग्रामीण पांचों अधिकारियों को वहां से जाने दिए। स्काई योजना के तहत वितरण के लिए लाए गए सभी मोबाइल को सरपंच के सुपुर्द करने पर ही अधिकारियों को छोड़ा गया। ग्रामीण महिलाओं को आगे करके शासकीय वाहनों के आगे बैठा दिए थे, जिससे तीन घंटे तक अधिकारी कहीं भी आ-जा नहीं सके। अंतत: बचे हुए मोबाइल को सीलबंद करके पंचायत भवन में सरपंच के सुपुर्द करने के बाद ही शाम को अधिकारियों को गांव से निकलने दिया।
छुड़ाने के लिए पहुंचे बसना के तहसीलदार
जानकारी के अनुसार मोबाईल वितरण करने गए अधिकारियों सेे ग्राम पुटका के कुछ ग्रामीणों ने गाली-गलौज हाथापाई करते हुए जान से मारने की धमकी दी। इसकी जानकारी जब उन्होंने अपने उच्चाधिकारियों को दी तब तहसीलदार गांव पहुंचे । अधिकारियों के साथ तहसीलदार को भी ग्रामीणों ने घंटों तक बंधक बना लिया। दरअसल, मामला मोबाईल वितरण में कथित तौर पर गड़बड़ी करने का है। ग्राम पुटका(पैकिन) में 20 सितम्बर को मोबाईल वितरण किया जाना था, जिसमें से कई लोगों को मोबाईल दिया गया। शाम हो जाने की वजह से शेष हितग्राहियों को मोबाईल वितरण 22 सितम्बर को किए जाने की बात कही गई थी।
शनिवार को मोबाइल वितरण होने की आस में पहले से ही ग्रामीणजन सरपंच के घर डेरा डाले हुए थे। इस दौरान वहां के नोडल अधिकारी एवं पंचायत सचिव गांव पहुंचकर सरपंच के यहां रखे गए शेष मोबाईल को दीवानपाली सिंघोड़ा का है कहकर ले जाने लगे। इसकी भनक जब ग्रामीणों को लगी तो कई ग्रामीण उनसे मोबाईल नहीं ले जाने देंगे कहते हुए बहस करने लगे। बात यहां तक बढ़ गई कि कुछ लोगों ने गाली गलौज कर जान से मारने की धमकी देते हुए हाथापाई तक कर दी।
तब इसकी जानकारी नोडल अधिकारी ने तहसीलदार ललिता भगत को दी। जब तहसीलदार, जनपद पंचायत सीईओ एवं अधिकारियों के साथ गांव पहुंची तो उनको भी ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। शेष मोबाईल वितरित नहीं किए जाने से आक्रोशित ग्रामीणों ने 3 घंटे तक तहसीलदार को बंधक बनाकर रखा।
वहीं मोबाईल लेने के लिए पहुंचे ग्रामीण सुबोनी साहू, श्रीया तांडी, शकुंतला बरिहा, रजनी तांडी, मैनी भोई, जानकी भोई, सब्या भोई, मजरू दीप, बालमति बरिहा सहित दजज़्नों महिलाओं का कहना था कि उनकों मोबाईल नही मिला था और आज मोबाईल मिलेगा कहकर बकायदा पर्ची भी दी गयी थी जिसके चलते वे सुबह से ही मोबाईल लेने सरपंच के घर पहुंचे थे।
ऐसे हुआ घटनाक्रम
नोडल अधिकारी कमल किशोर नायक ने अपने साथ हुए इस घटना की थाने में लिखित शिकायत की है। शिकायत के मुताबिक दीवानपाली ग्राम पंचायत सिंघोड़ा में 61 नग मोबाईल वितरण किया जाना था, परंतु 111 नग मोबाईल पुटका गांव वाले बक्से में चला गया। जिसे लेकर वे दीवानपाली वितरण करने के लिए जाने वाले थे।
इस दौरान गांव के गोकूल बरिहा पिता रत्ना बरिहा, उग्रसेन पटेल पिता फुलचरण पटेल, उमाकांत मिश्रा ग्राम पुटका ने उन्हें दबाव देते हुए मोबाईल लेकर जिंदा कैसे जाओगे कहकर धमकी दी एवं गाली गलौज करते हुए हाथापाई की। इससे शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न् हुआ।
इस मामले में थाना प्रभारी सिंघोड़ा कल्याण सोनवानी ने कहा- मोबाइल बांटने के दौरान मामूली घटना हुई है। जिसका लिखित आवेदन आया है। जांच करने के बाद ही अग्रिम कार्रवाई करेंगे।
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