संजय सोनी, रायपुर। मध्यान्ह भोजन मजदूर एकता यूनियन के बैनरतले मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने निकले मध्यान्ह भोजन कर्मचारियों को बुढ़ातालाब के पास रोक लिया गया। इस दौरान यूनियन के पदाधिकारियों द्वारा वहां मौजूद एडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
मध्यान्ह भोजन मजदूर एकता यूनियन के जिला महासचिव समीर कुरैशी ने कहा कि राज्य सरकार मध्यान्ह भोजन कर्मियों की आर्थिक मांगों को नजर अंदाज कर रही हैं। दिन में 5 से 6 घंटे काम करने के बाद भी 1200 रू प्रतिमाह दिया जा रहा है और इसके बाद भी राज्य सरकार के द्वारा मध्यान्ह भोजन कर्मियों के 6 घंटे के काम को मात्र 1.30 घंटे का बताया जाता है।
5 वर्षा से मध्यान्ह भोजन कर्मियों के वेतन में किसी प्रकार से बढ़ोतरी नही हुई है। हमारी मांग है कि 1.30 के काम का आदेश को वापस लेकर 6 घंटे का आदेश जारी करें, सभी मिडे-डे-मिल वर्करो को चौथे दर्जेे का सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाये, नियमित किये जाने तक 12 के 12 महिने न्यूनतम कलेक्टर दर दिया जाये, मिड-डे-मिल वर्कर के मानदेय में केन्द्र स्तर की 2000 रू की बढ़ोतरी को लागू किया जाये, वर्तमान में कार्यरत किसी भी मिड-डे-मिल वर्कर को काम से न हटाया जाये, कक्षा 9 वी से 12 वी तक बच्चों को भी मध्यान्ह भोजन दिया जाये, मिड-डे-मिल वर्करों को वेतन सहित 180 दिन का प्रसूति लाभ दिया जाये, मिड-डे-मिल योजना के किस भी रूप में निजीकरण पर रोक लगाई जाये, शहर के स्कूलो में एनजीओ द्वारा दिया जा रहा मध्यान्ह भोजन को बंद कर स्कूलो में मध्यान्ह भोजन बनवाया जाये,45वें श्रम सम्मेलन की सिफारिश ग्रेच्युएटी, पेंशन, प्रोविडेन्ड फण्ड, मेडिकल सुविधा लाभ सभी मिड-डे-मिल वर्करो को प्रदान किया जाये। ज्ञापन सौंपे जाने के अवसर पर यूनियन के जिला अध्यक्ष गंगा विश्वकर्मा, अनुसुइया कंडरा, अहिल्या धु्रव, सरला शर्मा सहित बड़ी संख्या में मध्यान्ह भोजन कर्मचारी मौजूद थे।
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