जगदलपुर। प्रदेश के नक्सल प्रभावित इलाका बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों में शाम ढलने के बाद से ही वाहनों को चलना बंद हो गया है। इसके साथ ही ट्रेनों की भी रफ्तार काफी धीमी हो गई है। इसकी वजह नक्सलियों द्वारा स्थापना दिवस मनाये जाने संबंधी बैनर-पोस्टर मिलने को बताया जा रहा है।
इस संबंध में बैनर पोस्टर मिलने के बाद रेल मार्ग पर एहतियात बरतते हुए यात्री एवं गुड्स ट्रेनों के परिचालन में आंशिक संशोधन किया गया है इसके तहत शाम ढलने के बाद ट्रेनों की रफ्तार नियंत्रित की गई है। वहीं सड़क मार्ग पर चलने वाले यात्री बसों एवं ट्रकों को शाम ढलने के बाद नहीं चलाने का निर्णाय लिया गया है।
रेलवे के अनुसार ट्रेन के संचालन के लिए 21 से 28 सितंबर तक ट्रेनों को रोकने के बजाय सीमित रफ्तार के साथ परिचालन जारी रखने का फैसला लिया गया है। किरंदुल और दंतेवाड़ा सेक्शन में भी यात्री और गुड्स ट्रेनों का परिचालन किया जा रहा है।
हांलाकि रात में ट्रेनों की रफ्तार सीमित किए जाने के साथ भी लोको पायलेट और असिस्टेंट पायलेट को हालात के मद्दे नजर सतकर्ता बरतते हुए ट्रेनों का परिचालन करने के निर्देश जारी किये गए है। बस ऐसोस्यिन के द्वारा भी अंधेरा होने के बाद यात्री परिवहन नहीं किए जाने का निर्णय बस मालिकों ने लिया है। हालात यदि समान्य होते है तो रात्री में भी यात्री बस सेवा शुरू किये जायेंगे।
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