रायपुर। छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ की मंगलवार को एक दिवसीय हड़ताल से नाराज सरकार ने संघ के छह अधिकारियों व कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। इन्हें मंत्रालयीन कार्यों में बाधा डालने, अधिकारियों और कर्मचारियों को एक दिवसीय अवकाश के लिए उकसाने, मंत्रालय में प्रवेश करने से रोकने, सरकारी काम में बाधा डालने और मंत्रालय परिसर में नारेबाजी करने के आरोप में निलंबित किया गया है। इनमें तीन अनुभाग अधिकारियों सहित दो सहायक ग्रेड-2 तथा एक सहायक ग्रेड-1 शामिल हैं।
मंत्रालयीन कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। मुख्य सचिव के साथ वार्ता विफल होने के बाद संघ ने सामूहिक अवकाश लेकर मंत्रालय का काम ठप करने की चेतावनी दी थी। मंगलवार को संघ ने हड़ताल की और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।
देरशाम शासन ने निलंबन का आदेश जारी कर दिए। मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कीर्तिवर्धन उपाध्याय का कहना था,सभी अधिकारियों और कर्मचारियों ने स्वेच्छा सामूहिक अवकाश का आवेदन दिया था और सभी लोग मंगलवार को अवकाश पर थे। कोई हड़ताल नहीं की गई थी, फिर भी शासन द्वारा जारी किया गया आदेश तानाशाही का प्रतीक है।
कार्यकाल खत्म होने के कारण कार्रवाई
निलंबन आदेशों में बताया गया है कि कीर्तिवर्धन उपाध्याय सहित कार्रवाई की जद में आए सभी कर्मचारी नेताओं का छत्तीसगढ़ मंत्रालयीन कर्मचारी संघ के पदाधिकारी के रूप में कार्यकाल पूरा हो चुका है। इन लोगों ने अवैधानिक रूप से संघ के लेटर पैड पर एक सितम्बर को मुख्य सचिव को ज्ञापन दिया था। यही नहीं इन नेताओं पर १८ सितम्बर को मंत्रालय पहुंचने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को रोकने का आरोप है।
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इन पर गिरी निलंबन की गाज
- कीर्तिवर्धन उपाध्याय, अनुभाग अधिकारी वन विभाग
- रामाधीन उईके, अनुभाग
- अधिकारी गृह विभाग
- तीरथराम साहू, अनुभाग
- अधिकारी पशुपालन विभाग
- संतोष महिलांग, जनशिकायत निवारण विभाग सहायक ग्रेड-1
- मनोज कुमार साहू, जनशिकायत निवारण विभाग सहायक ग्रेड-२
- महेन्द्र सिंह राजपूत,
- जल संसाधन विभाग
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