रायपुर। किसान सम्मेलन में शामिल होने आए प्रवीण तोगाडिय़ा ने कहा कि मैंने हल चलाया है मेरे बाये हाथ की उंगली खेत में कटी है बचपन से मैन किसानों की स्थिति देखी है। आजादी के बाद सरकार ने किसानों के लिए जो नीतियां बनाई है किसान उससे दुखी है कर्ज से दबा हुआ है तीन लाख किसानों ने 17 सालों में आत्महत्या की है। विकास केवल कारोबारियों का हुआ है। उन्होंने कहा कि तीन गुनी जनसंख्या बढ़ी साथ ही आमदनी कम होती गई।
महंगाई लगातार बढ़ती रही है। गरीब को खाना मिलेगा ये ठेका किसानों का नहीं बलकि सरकार का भी है, क्योंकि चावल और गेहूं का सही दाम किसानों को नहीं मिल रहा है। किसान कर्ज ले तो घर घिरवी रखा जाता है, लेकिन माल्या लोन ले तो उसका कुछ भी गिरवी नहीं रखा।
प्रवीण तोगाडिय़ा ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी ने झूठ बोला है किसानों को समर्थन मूल्य देने की बात कही थीं लेकिन नहीं दिया। किसान आत्महत्या नहीं करेगा बल्कि अब वादाखिलाफ के खिलाफ सरकार से लड़ाई लड़ेंगा। श्री तोगाडिय़ा ने कहा कि किसानी मेरे जीवन का हिस्सा है।मेरा पेशा अलग हिस्सा है बचपन से मैं किसान की स्थिति देखी है।
सरकार की नीतियों से अन्नदाता दुखी है उन्होंने कहा कि अगर किसानों का घर नई चलेगा तो देश नई चलेगा। देश में 70 करोड़ किसान है, लेकिन विकास तो मुट्ठी भर उद्योगपतियों का किया गया है। श्री तोगाडिय़ा ने कहा कि अब की बार किसान सरकार बनेगी। ये पदयात्रा किसान क्रांति का प्रारंभ है। उन्होंने कहा कि किसानों दोनों दलों को झुका देंगे और इस बार 70 करोड़ किसान में से कोई पीएम और सीएम बनेगा।
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