
रायपुर। शिक्षक दिवस के अवसर पर प्रदेश के कृषि एवं सिंचाई मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विभिन्न स्कूलों में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह में शामिल हुए। इस अवसर पर समारोह में उन्होंने शिक्षकों को सम्मानित किया। इस दौरान शिक्षकों और उपस्थित विद्यार्थियों के समक्ष दिए अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि हमारे जीवन में शिक्षक और शिक्षा का बड़ा महत्व है।

जन्म लेने के 4-5 साल तक बच्चे मां की गोद में, परिवार के बेहद करीब रहते हैं। उसके बाद भविष्य निर्माण के लिए उन्हें शिक्षा के मंदिर में भेजा जाता है। जहा शिक्षक उन्हें काबिल बनाने का काम करते है।जीवन के लगभग 12 साल शिक्षकों के सानिध्य में बिताने के बाद बालक समाज की मुख्यधारा में आता है। यही उसके काबिलियत की असली पहचान होती है।
हम कह सकते है की जीवन में शिक्षकों का महत्व सबसे ज्यादा होता है। वे विद्यार्थी को श्रेष्ठ नागरिक बनाते है। इसीलिए गुरुओं यानी शिक्षकों का स्थान सर्वोच्च माना जाता है।
इस अवसर पर श्री अग्रवाल आज सर्वप्रथम नूतन स्कूल टिकरापारा में आयोजित समारोह में पहुंचे। यहां पर सोशल मीडिया के युग मे गुरु की भूमिका पर विचार गोष्ठी का विशेष आयोजन भी किया गया था।

इस अवसर शिक्षकों के साथ-साथ वरिष्ठ पत्रकार रमेश रमेश नैयर,भजन गायिका मीरा शर्मा, प्रोफेसर शाह जी ज़लील रिजवी, अशोक पारख,डॉ चितरंजनकर,पी जानसन प्राचार्य को उन्होंने साल-श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया। यह आयोजन विकास परिषद एवं राष्ट्रीय दिशा मंच द्वारा किया गया था।
खलासा स्कूल में भी फेडरेशन ऑफ एजुकेशन सोसाइटी(अशासकीय शैक्षणिक समितियों का महासंघ)तथा अशासकीय प्राचार्य मंच के संयुक्त तत्वावधान में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था। यहां भी श्री अग्रवाल ने पधारे शिक्षकों को साल श्रीफल प्रदान कर सम्मानित किया और उन्हें शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर राज्य मत्स्य महासंघ के अध्यक्ष रामकृष्ण धीवर,राष्ट्रीय दिशा मंच के किरोड़ीमल अग्रवाल, फेडरेशन के अध्यक्ष अरविंद शर्मा,अशोक दुबे,अजय जैन,प्रवीण मैशेरी, राजेश सक्सेना, भाजयुमों प्रदेश महामंत्री संजू नारायण सिंह,मंडल भाजपा अध्यक्ष चूड़ामणि निर्मलकर,आशीष धनकर,मनोज चक्रधारी,राकेश यादव,सजल श्रीवास्तव,रामदेव जी आदि उपस्थित थे।
शिक्षकों के समक्ष अनेक चुनौतियां
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि आज के दौर में शिक्षकों के समक्ष अनेक चुनौतियां हैं। बड़ी चुनौती बच्चों को संस्कारवान बनाने की है। आज के आधुनिक युग में जहां देश-समाज तरक्की कर रहा है, वहीं संस्कृति और संस्कार पीछे छूटते जा रहे हैं। ऐसे समय में गुरुओं का महत्व बढ़ जाता है। क्योंकि जीवन का शुरुआती दौर व्यक्ति का स्कूल में ही बीतता है, वही प्रदत्त शिक्षा जीवनोपयोगी होती है। इस आधुनिक युग में शिक्षा का दायरा भी बड़ा है ऐसे में शिक्षकों को अपडेट रहना बेहद आवश्यक हो गया है।

नूतन स्कूल की सराहना
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अपने रायपुर शहर के श्रमिक क्षेत्र टिकरापारा में स्थित गैर अनुदान प्राप्त स्कूल अपनी शैक्षणिक गतिविधियों के लिए हमेशा चर्चा में बना रहता है। यहां की गुणवत्ता पूर्वक शिक्षा व बच्चों में संस्कारों के क्षरण को रोकने का प्रयास यहां के आयोजनों में दिख जाता है।

उन्होंने कहा कि पिछले 25 सालों से इस स्कूल से सतत जुड़ाव बना हुआ है। इस अवसर पर उन्होंने स्कूल की सांस्कृतिक टीम को ड्रेस के लिए 25 हज़ार प्रदान करने की स्वीकृति दी तथा स्कूल परिसर में ही महिलाओं को सिलाई मशीन व कम्प्यूटर प्रशिक्षण हेतु संसाधन उपलब्ध कराने को बात कही।
यहाँ भी देखे : मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के आज विकास यात्रा के समय में आंशिक परिवर्तन





