भोपाल। एमपी में सत्ता पर काबिज होने की जुगत लगा रही कांग्रेस के मीडिया सेल ने एक नया फरमान जारी किया है, जिसमें बताया गया है कि विधानसभा चुनाव में टिकट उन्हीं को दिया जाएगा जो फेसबुक और ट्विटर पर सक्रिय होंगे। इतना ही नहीं मीडिया सेल ने फॉलोअर्स की संख्या भी तय कर दी है और इसके लिए 15 सितंबर की समय सीमा तय की है।
इससे पहले टिकट के दावेदारों को रिपोर्ट देनी होगी। टिकट के दावेदारों के साथ ही वर्तमान विधायक और प्रदेश पधादिकरियों से भी सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता की रिपोर्ट मांगी गई है और यह बताया गया है कि उनकी सोशल मीडिया में पकड़ मजबूत होनी चाहिए।
फेसबुक पेज पर 15 हजार से ज्यादा लाइक, जबकि ट्विटर पर पांच हजार फॉलोअर्स होने चाहिए। इसके आलावा व्हाट्सएप के ग्रुप भी होने चाहिए जिसमें बूथ लेवल के कार्यकर्ता जुड़े हों। पिछले दिनों मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ अपनी ही सोशल मीडिया टीम से नाराज हो गए थे। पार्टी नेताओं और पदाधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने अपनी सोशल मीडिया टीम से नाखुशी जाहिर की थी। इतना ही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि हम सोशल मीडिया पर बीजेपी से कमजोर हैं। कमलनाथ की नाराजगी के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस आईटी विभाग में बड़ा फेरबदल किया गया था। आईटी आईटी विभाग अध्यक्ष धर्मेंद्र वाजपेई को हटाकर उनकी जगह अभय तिवारी को अध्यक्ष बना दिया गया है।
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