भिलाई। दुर्ग जिले के पाटन ब्लॉक के ग्राम उमरपोटी का डोमेश्वर मातृभूमि की रक्षा के लिए आंतकियों से लोहा लेते हुए वीरगति को प्राप्त हो गया। डोमेश्वर की शहादत की खबर जैसे ही गांव वालों को मिली तो यहां का माहौल पूरा शोकमय हो गया। कश्मीर में जिस प्रकार से आतंकियों से लोहा लेते हुए सेना के जवान वीरगति को प्राप्त होते हैं उन्हें देश कभी नहीं भूला सकता। डोमेश्वर की शहादत ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ का नाम गर्व से ऊंचा कर दिया है। आपको बता दें कि शनिवार को देश की सीमा पर जवानों की आतंकियों से मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के दौरान आतंकियों का मुकाबला करते डोमेश्वर शहीद हो गया।
पाटन ब्लॉक के उमरपोटी ग्राम का रहने वाला डोमेश्वर वर्ष 2006 में सेना में भर्ती हुआ था शहीद डोमेश्वर की तीन भाई हैं। वह तीनों में बीच का भाई है। कठिन परिश्रम और लगन के चलते डोमेश्वर को बेस्ट सैनिक कोर का भी अवार्ड दिया गया था। ग्रामीणों के मुताबिक डोमेश्वर पढ़ाई के दौरान ही देश की सेवा में जाने के लिए कठिन परिश्रम करता रहा। शहीद जवान का सोमवार की सुबह उनके गृहग्राम में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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