रायपुर। बहुचर्चित धर्म-परिवर्तन के बाद विवाह मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, जिसके मुताबिक युवती अपने माता-पिता के साथ रहेगी। मुस्लिम लड़के इब्राहिम और जैन लड़की ने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। लड़के ने इसके लिए शादी से पूर्व धर्म परिवर्तन का दावा किया था। सुप्रीम कोर्ट में लड़की ने खुद कहा कि वह अपने माता-पिता के साथ रहना चाहती हैं। इस मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने लड़की को जीडीसी कॉलेज के हॉस्टल में रखने का निर्देश दिया था। मुसलमान लड़के इब्राहिम और लड़की के परिवार वालों को बीच-बीच में तय अंतराल पर मिलने की कोर्ट ने अनुमति दी थी।
धमतरी की रहने वाली जैन समाज की 23 वर्षीय लड़की से शादी करने के लिए एक 33 वर्षीय शख्स ने पहले हिन्दू धर्म अपनाया फिर आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली। लड़की का नाम अंजली जैन है, जबकि लड़के का नाम धर्म परिवर्तन के बाद आर्यन आर्य हो गया था। उसका असली नाम मोहम्मद इब्राहिम सिद्दीकी था। लड़के ने आरोप लगाया था कि उसकी पत्नी को उसके माता-पिता ने कैद कर लिया है और उसे आजाद करवाने के लिए अब लड़के ने हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
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