बिलासपुर। हाईकोर्ट ने हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति की नियुक्ति को निरस्त कर दिया है। कोर्ट की डिविजन बेंच ने यह निर्णय दिया है। जस्टिस गौतम भादुड़ी और संजय श्याम अग्रवाल की अदालत में चल रहे मामले में न्यायमूर्ति ने हिदायतुल्ला लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति के दूसरे कार्यकाल की नियुक्ति को अवैध करार दिया है। डॉ. सुखपाल को छत्तीसगढ़ की में स्थित हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलपति के रुप में 2008 में 5 वर्ष के लिए नियुक्त किया गया था। कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्हें 6 सितंबर 2014 को 5 वर्ष के लिए दोबारा कुलपति बनाया गया है।
स्टेट बार कौंसिल के अध्यक्ष और यूनिवर्सिटी के कार्य परिषद के सदस्य कोषराम साहू ने अधिकार पृच्छा याचिका प्रस्तुत कर डॉ. सुखपाल की पुन: नियुक्ति को चुनौती दी थी। याचिका में कहा कि केंद्र सरकार ने नेशनल यूनिवर्सिटी के कुलपतियों के लिए नया नियम 24 दिसंबर 2014 को लागू किया है। इसके अनुसार किसी भी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु से अधिक नहीं हो सकती। नियम लागू होने के पहले ही पुन: नियुक्ति कर दी गई। याचिका में नियुक्ति रद्द करने की मांग की गई। उन्होंने कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति चीफ जस्टिस छत्तीसगढ़ होते हैं। ऐसे में किसी नियुक्ति में गलती करना ठीक नहीं है।
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