नई दिल्ली। यूनीक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) ने आधार की सुरक्षा के तरफ एक कदम और उठाया है। आधार के किसी भी इस्तेमाल के लिए अब चेहरे की पहचान होना भी जरूरी होगा। नए सिम, बैंक आदि में पहचान पत्र के तौर पर दिए जाने वाले आधार के साथ यह नया फीचर भी लागू होने वाला है।
फिंगर प्रिंट और आईरिस स्कैन के अलावा चेहरा मिलान एक अडिशनल फीचर होगा। यूआईडीएआई का कहना है कि यह फीचर आधार को सुरक्षा की एक अतिरिक्त लेयर प्रदान करता है। यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा, ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब कुछ बुजुर्गों के उम्र की वजह से फिंगर प्रिंट मिट गए और उन्हें आधार सत्यापन से बाहर कर दिया गया। नया फीचर ऐसी परेशानियों में भी मददगार साबित होगा।
यूआईडीएआई के एक पत्र के अनुसार 15 सितंबर से दूरसंचार सेवा कंपनियों को महीने में कम से कम 10 प्रतिशत सत्यापन चेहरे का लाइव (सीधे) फोटे से मिलान करके करना अनिवार्य होगा। इस प्रकार का सत्यापन इससे कम अनुपात में हुआ तो प्रति सत्यापन 20 पैसे का जुर्माना लगाया जाएगा।
यहां उल्लेखनीय है कि इस साल जून में हैदराबाद के एक मोबाइल सिम कार्ड वितरक ने आधार ब्योरे में गड़बड़ी कर हजारों की संख्या में सिम ऐक्टिवेट किए थे। यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडे ने कहा, ‘लाइव फेस फोटो को ईकेवाईसी फोटो से मिलाने का निर्देश सिर्फ उन्हीं मामलों जरूरी होगा जिनमें सिम जारी करने के लिए आधार का इस्तेमाल किया जा रहा है। दूरसंचार विभाग के निर्देशानुसार यदि सिम आधार के अलावा किसी अन्य तरीके से जारी किया जाता है, तो ये निर्देश लागू नहीं होंगे।’
यूआईडीएआई ने इससे पहले चेहरा पहचानने का फीचर एक जुलाई से लागू करने की योजना बनाई थी। इसके तहत मोबाइल सिम कार्ड के लिए आवेदन के साथ लगाए गए फोटो को संबंधित व्यक्ति के सामने लिए गए फोटे से की जाएगी। यूआईडीएआई ने इस तय लक्ष्य को पूरा नहीं करने वाली दूरसंचार कंपनियों पर मौद्रिक जुर्माना लगाने का भी प्रस्ताव किया है। यूआईडीएआई ने कहा कि दूरसंचार कंपनियों के अलावा अन्य सत्यापन एजेंसियां के लिए चेहरा पहचानने की सुविधा के क्रियान्वयन के बारे में निर्देश बाद में जारी किए जाएंगे।
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