नई दिल्ली। इंडिया टुडे-कार्वी के मूड ऑफ द नेशन जुलाई 2018 पोल के मुताबिक मौजूदा समय में बेरोजगारी,बढ़ती कीमतें और भ्रष्टाचार सबसे अहम मुद्दे हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में इन्हीं मुद्दों की वजह से मनमोहन सिंह सरकार की सत्ता से विदाई हुई थी। बावजूद इसके मोदी राज में भी यही तीनों मुद्दे हावी नजर आ रहे हैं। मूड ऑफ द नेशन के मुताबिक बेरोजगारी आज भी सबसे बड़ा मुद्दा है। सर्वे में 34 फीसदी लोगों ने माना कि बेरोजगारी सबसे बड़ा मुद्दा है। यह पिछले सर्वेक्षण की तुलना में 5 फीसदी ज्यादा है। दिलचस्प बात ये है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लगातार बेरोजगारी को लेकर मोदी सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। नौकरियों की कमी मोदी सरकार की सबसे बड़ी विफलता है, ऐसा मानने वाले लोगों का प्रतिशत पिछले सर्वेक्षण में जहां 22 फीसदी था, वह इस सर्वेक्षण में बढ़कर 29 फीसदी हो गया है। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कर्मचारी भविष्य निधि रजिस्टर के आंकड़ों का हवाला देकर यह बताने की कोशिश करते हैं कि उनकी सरकार के कार्यकाल में नौकरियों में भारी संख्या में वृद्धि हुई है।
सर्वे के मुताबिक कीमतों में इजाफा दूसरा बड़ा मुद्दा है। मूड ऑफ द नेशन के मुताबिक 24 फीसदी लोग महंगाई को अहम मुद्दा मानते हैं। मनमोहन सरकार के दौरान महंगाई डायन बन गई थी। इसी का नतीजा था कि लोगों ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जगह नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी को चुना था। बीजेपी ने भी अच्छे दिन का नारा दिया था। मोदी राज के साढ़े चार साल गुजर जाने के बाद भी महंगाई देश वासियों के लिए अहम मुद्दा बना हुआ है। मोदी राज में भ्रष्टाचार एक अहम मुद्दा बना हुआ है। सर्वे में 18 फीसदी लोगों के मुताबिक भ्रष्टाचार अहम मुद्दा है। 2014 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचार को अहम मुद्दा बनाया था। यूपीए-2 के काल में टूजी, कोयला और कॉमनवेल्थ गेम जैसे कई भ्रष्टाचार के मामले सामने आए थे। इन्हीं मुद्दों को अन्ना हजारे ने आंदोलन करके लोकपाल बनाने की मांग की थी। बीजेपी ने उस दौरान वादा किया था कि सत्ता में आएंगे तो लोकपाल बनाएंगे।
लेकिन साढ़े चार के बाद लोकपाल की नियुक्ति नहीं हो सकी है। जब सुप्रीम कोर्ट भी कई बार लोकपाल की नियुक्त की बात कह चुका है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी रफेल डील के बहाने मोदी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। इससे पहले भी कांग्रेस ने मोदी सरकार के मंत्री पीयूष गोयल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। नोटबंदी को भी भ्रष्टाचार से जोड़ा था। नरेंद्र मोदी के लिए इन तीन बुनियादी मुद्दों पर काम करके दिखाना ही होगा। अभी सरकार के करीब 8 महीने का कार्यकाल बचा हुआ है। मोदी सरकार सर्वे की इन चिंताओं की फेहरिस्त को लेकर कदम उठाती है और नौकरियां, कीमतों में बढ़ोतरी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में सफल रहती है, तो चुनावी नतीजों में भी तब्दीली आएगी।
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