रायपुर। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर राजधानी रायपुर के इंडोर स्टेडियम में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ का आदिवासी समाज आत्म गौरव और आत्मसम्मान के साथ आगे बढ़ रहा है। शिक्षा और स्वावलंबन तथा प्रकृति से जुड़ी अपनी संस्कृति और परम्परा को और अधिक मजबूत बनाकर समाज और आगे बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि वनों की रक्षा कर प्रकृति के संरक्षण में आदिवासी समाज का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि राज्य शासन के बजट का 35 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी बहुल क्षेत्रों के विकास के लिए खर्च किया जाता है। दंतेवाड़ा का जावंगा एजुकेशन हब आदिवासी बच्चों की शिक्षा का देश में सबसे बेहतर मॉडल है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर आदिवासी समाज सहित विभिन्न समाजों के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों, प्रयास विद्यालयों के आईआईटी, एनआईटी, मेडिकल कॉलेज के लिए चयनित विद्यार्थियों, संघ लोक सेवा आयोग, राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित युवाओं, समाज के विभिन्न क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियां हासिल करने वाले समाज के प्रतिभाशाली लोगों और विभिन्न समाज प्रमुखों को सम्मानित किया। उन्होंने समारोह में 51 प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को मेक बुक और राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की खेल स्पर्धाओं में सफलता अर्जित करने वाले एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के विद्यार्थियों को स्पोर्टस वॉच प्रदान कर सम्मानित किया। समारोह को छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष जीआर राना ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर संसदीय सचिव सुनीति राठिया, बस्तर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष भोजराज नाग, विधायक आरकेराय, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष विकास मरकाम, छत्तीसगढ़ मत्स्य बोर्ड के अध्यक्ष भरत मटियारा, छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष डॉ. सियाराम साहू, अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य तौकीर रजा, लोक सेवा आयोग के सदस्य मोहन मंडावी, अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य रामकिशुन सिंह, राज्य युवा आयोग के सदस्य रघुराज सिंह उईके और छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज की पूर्व अध्यक्ष जया लक्ष्मी ठाकुर विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थीं।
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